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मुंबई में ड्रग रेजि‍स्‍टेंट टीबी की जांच

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मुंबई। केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परि‍वार कल्‍याण मंत्रालय ने डॉक्‍टरों के एक केंद्रीय दल को मुंबई भेजा है, जो तपेदि‍क के ऐसे मामलों (औषध रोधक तपेदि‍क) के बारे में छपे समाचारों के तथ्‍यों का पता लगाएगा, जि‍स पर दवाएं बेअसर हैं। इस केंद्रीय दल में भारत सरकार के केंद्रीय तपेदि‍क प्रभाग के वरि‍ष्‍ठ मुख्‍य चि‍कि‍त्‍सा अधि‍कारी, सलाहकार (औषध रोधक तपेदि‍क, सीटीडी) और वि‍श्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन भारत के राष्‍ट्रीय कार्यक्रम अधि‍कारी (प्रयोगशाला) शामि‍ल हैं। यह दल 16 जनवरी को मुंबई पहुंचा और उसने स्‍थि‍ति का जायजा लेना शुरू कर दि‍या। यह दल मुंबई नगर नि‍गम में महाराष्‍ट्र के स्‍वास्‍थ्‍य अधि‍कारि‍यों से संपर्क बनाए हुए है और इसमें हिंदुजा अस्‍पताल मुंबई सहि‍त संबद्ध हि‍तधारकों के वि‍शेषज्ञों को भी शामि‍ल कि‍या गया है।
जहां तक हिंदुजा अस्‍पताल की रि‍पोर्ट का संबंध है, इस अस्‍पताल की प्रयोगशाला कल्‍चर और सेंसि‍वि‍टी के लि‍ए तपेदि‍क की दवाइयों की वि‍स्‍तृत रूप से जांच करने (एक्‍सडीआर) दवाइयों से पूर्णतया ठीक न होने, टोटली ड्रग रेजि‍स्‍टेंट (टीडीआर) के मामलों में दूसरी पंक्‍ति ‍की दवाइयों के लि‍ए संशोधि‍त राष्‍ट्रीय तपेदि‍क नि‍यंत्रण कार्यक्रम से प्रत्‍यायि‍त नहीं है और यह सि‍र्फ प्रथम पंक्‍ति ‍की औषधि‍यों के लि‍ए तरल कल्‍चर और सेंसि‍वि‍टी से औषधि ‍की जांच करने के लि‍ए प्रत्‍यायि‍त है। हाल ही में लाइन प्रोब एस्‍से (एलपीए) टेस्‍ट के प्रत्‍यायन का एक प्रस्‍ताव प्राप्‍त हुआ है और उस पर वि‍चार कि‍या जा रहा है।
वर्तमान स्‍थि‍ति के अनुसार संशोधि‍त राष्‍ट्रीय तपेदि‍क नि‍यंत्रण कार्यक्रम ने अब तक सि‍र्फ तीन प्रयोगशालाओं को गुणवत्ता सुनि‍श्‍चि‍त द्वि‍तीय पंक्‍ति‍ की तपेदि‍क की रोधक दवाइयों फ्लोरोक्‍वीनोलोन (FLOUROQUINOLONES) और इंजेक्‍टेबल की जांच करने के लि‍ए प्रत्‍यायि‍त कि‍या है। एक-नेशनल टीबी इंस्‍टीट्यूट बंगलुरू, दूसरी-एलआरएस इंस्‍टीट्यूट ऑफ टीबी एंड चेस्‍ट डीजि‍ज नई दि‍ल्‍ली और तीसरी-नेशनल इंस्‍टीट्यूट ऑफ रि‍सर्च इन टीबी चेन्‍नई।
इसके अलावा औषधि‍यों से ठीक न होने वाली (टीडीआर) तपेदि‍क अमानकीकृत है और भ्रामक है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने एक्‍सटेंसि‍बलि ड्रग रेजि‍स्‍टेंट-तपेदि‍क (एक्‍सडीआर-टीबी) के अति‍रि‍क्‍त रोकथाम के लि‍ए परीक्षणों का परामर्श नहीं दि‍या है और इसके उपचार की चि‍कत्‍सीय प्रक्रि‍या प्रत्‍यायि‍त प्रयोगशालाओं ने सुनि‍श्‍चि‍त कि‍ए बगैर औषध रोधक तपेदि‍क की जांच के साथ जोड़ा नहीं है। मल्‍टी-ड्रग रेजि‍स्‍टेंट तपेदि‍क (एमडीआर-टीबी) को प्रथम पंक्‍ति की सर्वाधि‍क तपेदि‍क रोधक कम से कम दो औषधि‍यों आइसोनि‍याजि‍ड और रि‍फेम्‍पीसि‍न (ISONIAZID & RIFAMPICIN) के साथ परि‍भाषि‍त कि‍या गया है।
टोटली ड्रग रेजि‍स्‍टेंट (टीडीआर) तपेदि‍क रोधक औषधि ‍नामक शब्‍द समूह न तो डब्‍ल्‍यूएचओ से और न ही संशोधि‍त राष्‍ट्रीय तपेदि‍क नियंत्रण कार्यक्रम से मान्‍य है। डब्‍ल्‍यूएचओ परि‍भाषाओं के अनुसार ये मामले इस समय एक्‍सडीआर-टीबी के रूप में परि‍भाषि‍त हैं और इस प्रकार इन रोगों की एक्‍सडीआर-टीबी उपचार के राष्‍ट्रीय मार्ग नि‍र्देशों से प्रबंधन कि‍या जा सकता है। डब्‍ल्‍यूएचओ की वर्तमान सि‍फारि‍शें एक्‍सडीआर-टीबी का पता लगाने के लि‍ए दूसरी पंक्‍ति ‍की औषधि‍यों के लि‍ए ड्रग सस्‍सैप्‍टीबि‍लीटी टैस्‍टिंग (डीएसटी) परि‍णामों के प्रयोग के वि‍रुद्ध सलाह देते हैं।
औषध रोधक तपेदि‍क की जांच प्रयोगशाला से ही पता लगा कर की जा सकती है, न कि ‍मात्र चि‍कि‍त्‍सीय परीक्षा से। गुजरात और महाराष्‍ट्र में कि‍ए गए औषध रोधक तपेदि‍क सर्वेक्षणों के एकत्र कि‍ए गए आंकड़ों और एसडीआर-टीबी रोगि‍यों के डॉट्स (DOTS) से ग्रस्‍त होने का पता लगाने के लि‍ए द्वि‍तीय पंक्‍ति के डीएसटी के प्रारंभि‍क परि‍णामों से पता चलता है कि नए रोगि‍यों में कि‍सी प्रकार की एक्‍सडीआर-टीबी नहीं है और उपचार के दूसरे मामलों में यह-0.5 प्रति‍शत है।

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