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नई दिल्ली। सरकार ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों की पहचान करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों और सिक्किम सहित देशभर के गांवों और शहरों में जून 2011 में सामाजिक, आर्थिक और जाति आधारित जनगणना शुरू की। राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों ने इसकी शुरूआत भारत सरकार के वित्तीय और तकनीकी सहयोग से शुरू की। रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और शहरी गरीबों के सामुदायिक विकास के मुद्दे को हल करने के लिए बनी स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत सिक्किम सहित पूर्वोत्तर राज्यों को केंद्र और राज्यों से 90:10 के अनुपात में धन दिया जाता है। मंत्रालय ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के लाभ के लिए दस प्रतिशत एकमुश्त प्रावधान की योजना भी लागू की है। केंद्रीय पूल के अंतर्गत शहरी गरीबों और कम आय वाले समूहों के लाभ के लिए परियोजनाएं बनाई गई हैं। योजना के अंतर्गत सामुदायिक मार्किट, मलिन बस्तियों के पुर्नविकास, बहुद्देशीय संसाधन केंद्र, सामुदायिक सफाई कार्यों को शामिल किया गया है।