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आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट की उपाधि

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आकांक्षा यादव/akanksha yadav

भागलपुर। विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के सोलहवें महाधिवेशन में युवा कवयित्री, साहित्यकार एवं ब्लागर आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट (विद्यावाचस्पति) की उपाधि से विभूषित किया गया। आकांक्षा यादव को मानद डाक्टरेट की इस उपाधि के लिए उनकी सुदीर्घ हिंदी सेवा, सारस्वत साधना, शैक्षिक प्रदेयों, राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में शोधपरक लेखन से प्राप्त प्रतिष्ठा के आधार पर अधिकृत किया गया। उज्जैन में आयोजित कार्यक्रम में उज्जैन विश्वविद्यालय के कुलपति ने यह उपाधि प्रदान की।
गौरतलब है कि आकांक्षा यादव की रचनाएं देश-विदेश की शताधिक पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित हो रही हैं। नारी विमर्श, बाल विमर्श एवं सामाजिक सरोकारों संबंधी विमर्श में विशेष रूचि रखने वाली आकांक्षा यादव के लेख, कविताएं और लघुकथाएं जहां तमाम संकलनों, पुस्तकों, आकाशवाणी पर हैं, वहीं इंटरनेट पर भी आकांक्षा यादव अपनी रचनाओं के साथ प्रमुखता से मौजूद हैं। सक्रिय ब्लागर के रूप में उन्होंने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। ’क्रांति-यज्ञ: 1857-1947 की गाथा‘ पुस्तक का कृष्ण कुमार यादव के साथ संपादन करने वाली आकांक्षा यादव के व्यक्तित्व-कृतित्व पर वरिष्ठ बाल साहित्यकार डॉ राष्ट्रबंधु ने ‘बाल साहित्य समीक्षा‘ पत्रिका का एक अंक भी विशेषांक रुप में प्रकाशित किया है।
विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ, भागलपुर, बिहार के इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों में कार्यरत हिंदी सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, विभिन्न विश्वविद्यालयों के विद्वान, शिक्षक-साहित्यकार, पुरातत्वविद्, इतिहासकार, पत्रकार और जन-प्रतिनिधि शामिल थे।

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