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लखनऊ। गुजराती दैनिक अखबार दिव्य भास्कर के राजकोट संस्करण के संपादक समेत तीन पत्रकारों के विरुद्ध थाना गांधीग्राम, राजकोट (गुजरात) में संजय कुमार पुलिस इंस्पेक्टर, थाना मालवीय नगर ने एक मुकद्मा अपराध संख्या 6/2012,धारा 447, 341, 509, 323, 500, 501, 502, 109, 292 और 120बी आईपीसी के तहत एक पंजीकृत कराया है। यह मुक़दमा राजकोट सिटी की पुलिस कमिश्नर गीता जौहरी की नील सिटी क्लब, राजकोट में, नए साल के जश्न की पार्टी में डांस करती तस्वीर छापने के आधार पर दर्ज किया गया। इस मुकदमे के आधार पर इन तीनों पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया और कोर्ट से जमानत मिलने पर भी काफी देर बाद रिहा किया गया।
मानव अधिकारों के क्षेत्र में कार्यरत सिविल सोसायटी इंस्टीट्यूट फोर रिसर्च एंड डोक्युमेंटेशन इन सोशल साइंसेज (आईआरडीएस) ने राजकोट पुलिस द्वारा पुलिस कमिश्नर के दवाब में दर्ज किये गए झूठे और अवैध कृत्य की घोर निंदा की है। आईआरडीएस की सचिव डॉ नूतन ठाकुर ने कहा है कि पुलिस कमीश्नर गीता जौहरी के डांस करने और उनके फोटो के बगल में एक युवा जोड़ी के सट कर खड़े होने संबंधित फोटो के आधार पर जिन धाराओं में मुक़दमा पंजीकृत किया गया है वह पूरी तरह से नियम विरुद्ध और अलोकतांत्रिक है।
इसमें मानहानि से संबंधित धाराओं 500, 501, 502 आईपीसी के अलावा धारा 447 (आपराधिक प्रवेश), धारा 341 (आपराधिक पकड़), 323 (मारपीट), 120बी (आपराधिक षडयंत्र) तक शामिल है। स्वाभाविक है कि एक सार्वजनिक न्यू ईयर पार्टी में डांस करने की तस्वीर खींच कर उसे अखबार में छापना किसी भी तरीके से कोई आपराधिक कृत्य नहीं है। इस मामले में जिस तरह से गीता जौहरी ने अपने एक अधीनस्थ अधिकारी संजय कुमार से यह एफआईआर दर्ज कराई है, वह भी पूरी तरह गलत है।
नूतन ठाकुर ने इस संबंध में गृहमंत्री भारत सरकार एवं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर इस प्रकार का अवैधानिक कार्य करने और पत्रकारों को उत्पीड़ित करने के मामले में राजकोट की पुलिस कमिश्नर गीता जौहरी के विरुद्ध जांच करा कर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग की है। राजकोट पुलिस की पत्रकारों के खिलाफ इस तरह कार्रवाई की अनेक पत्रकार संगठनों ने निंदा की है और अफसोस व्यक्त किया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है। पुलिस के ऐसे कृत्य से उन लोगों का हौसला बढ़ता है जो सार्वजनिक गरिमा, पद और लोक लज्जा की गीता जौहरी की तरह धज्जियां उड़ाते हैं। मीडिया के लिए पुलिस कमिश्नर गीता जौहरी का सार्वजनिक आचरण महत्वपूर्ण घटना है, जिसके प्रकाशित होने पर उन्होंने अपने पद और अधिकारों का दुरूपयोग किया है। इसकी जितनी निंदा की जाए, उतनी कम होगी।