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नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम ने तटवर्ती राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर परियोजना के अंतर्गत अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दक्षिण अंडमान जिले के गांव पोर्थरापुर गांव में शनिवार को आवासी पहचान पत्र यानी रेजिडेंट आइडेंटिटी (स्मार्ट) कार्ड जारी किए। इस अवसर पर द्वीप समूह के उपराज्यपाल भूपेंद्र सिंह भी मौजूद थे। सबसे पहला आरआईसी स्मार्ट कार्ड पोर्थरापुर निवासी भूलक्ष्मी ने प्राप्त किया। इस स्मार्ट कार्ड में 64 केबी माइक्रो-प्रोसेसर चिप लगी हुई है। इसका डिजाइन राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान अहमदाबाद में तैयार किया गया है।
आरआईसी स्मार्ट कार्ड केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के प्रतिष्ठानों के जरिये तैयार कराये गये हैं, इसके लिए उनके पास सुरक्षित परिसरों में आधुनिक किस्म की सुविधाएं हैं। इन कार्डों का वितरण भारतीय डाक सेवा-इंडिया पोस्ट के जरिए किया जाएगा। समारोह में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव शक्ति सिंहा, भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त डॉक्टर सी चंद्रमौलि, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के उपमहानिदेशक एसके चक्रवर्ती, जनगणना कार्य के निदेशक वी अब्राहम, ईसीआईएल के अध्यक्ष और महानिदेशक वाईएस माया एवं केंद्र सरकार और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
तटवर्ती राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर परियोजना के अंतर्गत द्वीप समूह के 365 गांवों और पोर्टब्लेयर के लोगों को स्मार्ट कार्ड जारी करने के लिए चुना गया है। अठ्ठारह वर्ष से अधिक आयु के 2,82,885 लोगों को पहचान पत्र जारी किये जाएंगे। भारत सरकार ने देश में एक राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर तैयार करने का फैसला किया है। पहले कदम के तौर पर तटवर्ती राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर परियोजना को नौ राज्यों-गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों और चार केंद्र शासित प्रदेशों-अंडमान और निकोबार, पांडेचेरी, लक्ष्यद्वीप और दमन और दीव में शुरू किया गया है।
तटवर्ती राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर परियोजना के अंतर्गत 3331 तटवर्ती गांवों में एक करोड़ 20 लाख लोगों की जनगणना संबंधी जानकारी और 75 लाख लोगों के बायोमीट्रिक रिकॉर्ड तैयार किए गए हैं। स्मार्ट कार्ड इस समय तैयार किये जा रहे हैं और अब तक पांच लाख कार्ड तैयार हो चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत तटवर्ती क्षेत्रों के प्रत्येक व्यक्ति के बारे में विशिष्ट जानकारी प्राप्त की जाएगी और आमतौर पर वहां रहने वाले सभी 18 वर्ष या अधिक आयु के लोगों को स्मार्ट कार्ड जारी किये जाएंगे। इस योजना के लिए 216.31 करोड़ रूपये की राशि रखी गई है। सरकारी अधिकारियों ने घर-घर जाकर गणना का कार्य किया है और इसमें डाटा दर्ज करने वाले ऑपरेटरों ने उनकी मदद की है।