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नई दिल्ली। पंचायती राज मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कच्चे माल, कौशल का उपयोग करके तैयार किये जाने वाले उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए ग्रामीण व्यापार केंद्रों (आरबीएचएस) को स्थापित करने की एक केंद्रीय उपक्रम योजना को लागू कर रहा है। यह योजना 4-पी (जनता-निजी-पंचायत-भागीदारी) प्रतिरूप पर कार्य करती है और बीआरडीजी जिलों और पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी जिलों में लागू है। ग्रामीण विकास केंद्र की स्थापना मुख्य रूप से विभिन्न कार्यरत योजनाओं से संसाधनों के आमेलन (कंवर्जेंस) के माध्यम से की जाती है।
आरबीएच योजना के अंतर्गत व्यवसायिक सहायता सेवाओं, प्रशिक्षण, कौशल विकास और छोटे उपकरण खरीदने के लिए सहायता मिलती है। आरबीएच एक मांग आधारित योजना है, इसलिए इस योजना के अंतर्गत लक्ष्यों को निर्धारित नहीं किया जा सकता है। इसमें निधियों का राज्यवार आवंटन नहीं है। परियोजनाओं की व्यवहार्यता और जारी की गई निधियों के उचित उपयोग को ध्यान में रखते हुए ही लागू करने वाली एजेंसियों को दो किस्तों में वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। योजना के संशोधित दिशा-निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट www.panchayat.gov.in पर उपलब्ध हैं।