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नई दिल्ली। राष्ट्रपति सचिवालय ‘कृषि में भागीदारों, विशेष रूप से वर्षा सिंचित और शुष्क भूमि खेती के संदर्भ में भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए नीति उपायों’ पर एक कार्यशाला की मेजबानी करेगा। कार्यशाला को भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री शरद पवार, केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी एवं अन्य वक्ता संबोधित करेंगे। कार्यशाला में मुख्यमंत्री, राज्यपाल, उपराज्यपाल, केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मंत्री, केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के उपकुलपति और निजी कंपनियों और उद्यमों के प्रतिनिधि भाग लेंगे।
इस एक दिवसीय कार्यशाला के चार सत्र होंगे। पहले सत्र में वर्षा सिंचित/शुष्क भूमि खेती के त्वरित विकास में बाधा डालने वाले कारकों को दूर करने के लिए नीति उपायों पर विचार किया जाएगा। इस सत्र की अध्यक्षता जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा करेंगे। दूसरा सत्र दीर्घकालीन कृषि के लिए जानकारी प्रबंध पर होगा। इस सत्र की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह करेंगे। तीसरा सत्र, कृषक-उद्योग भागीदारी-वर्षा सिंचित खेती में एकीकृत वृद्धि के लिए प्रतिमान परिवर्तन पर होगा। इस सत्र की अध्यक्षता केंद्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली करेंगे। अंतिम सत्र ‘कृषक संगठन भागीदारी की कुंजी-नीति पहल की आवश्यकता’ पर होगा। इस सत्र की अध्यक्षता हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा करेंगे।