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भारत-इंडोनेशि‍या व्‍यापार लक्ष्‍य की समीक्षा

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जकार्ता। भारत और इंडोनेशि‍या अपने व्‍यापार लक्ष्‍य को 2015 तक बढ़ाकर 25 बि‍लि‍यन अमरीकी डॉलर करेंगे। केंद्रीय वाणि‍ज्‍य, उद्योग एवं कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने अपने समकक्ष के साथ जकार्ता में मंगलवार को दोनों देशों के बीच व्‍यापार समझौतों की समीक्षा की। उन्‍होंने कहा कि ‍हम 2015 तक अपने व्‍यापार लक्ष्‍य को सुगमता से हासि‍ल कर सकते हैं, ऐसा हम देख पा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि ‍भारत-आसि‍यान एफटीए के पि‍छले साल अक्‍टूबर में लागू होने से दोनों देशों में नि‍वेश का प्रवाह बढ़ा है और यह संशोधि‍त लक्ष्‍य को आसानी से हासि‍ल करने में हमारी मदद करेगा।
द्वि‍पक्षीय समग्र आर्थि‍क सहयोग समझौते (सीईसीए) में तेजी लाने के प्रति ‍दोनों देशों ने सहमति ‍व्‍यक्‍त की है। शर्मा ने जोर देकर कहा कि‍ भारतीय-आसि‍यान एफटीए के तहत सेवाओं और नि‍वेश के संबंध में इंडोनेशि‍या को अपने प्रस्‍ताव को और सशक्‍त करना होगा। उन्‍होंने भारतीय-आसि‍यान एफटीए और भवि‍ष्‍य के नि‍वेश अवसरों के संबंध में मोड-4 के अंतर्गत वि‍शेषज्ञों का दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाने पर भी बल दि‍या। उन्‍होंने कहा कि ‍दोनों अर्थव्‍यवस्‍थाओं के बीच सेवाओं का व्‍यापार बढ़ने से दोनों को फायदा होगा। गौरतलब है कि‍ इंडोनेशि‍या स्‍वास्‍थ्‍य और बैंकिंग क्षेत्र के वि‍शेषज्ञों के आदान-प्रदान को अभी छूट नहीं देता है।
इंडोनेशि‍या के व्‍यापार मंत्री गीता वि‍रजावन ने इस पर सहमति ‍जताते हुए कहा कि ‍इस मुद्दे को स्‍वास्‍थ्‍य वि‍भाग और सेंट्रल बैंक आफ इंडोनेशि‍या के बीच रखेंगे। शर्मा ने भारत के दवाओं के व्‍यापार के लि‍ए गैर टैरि‍फ बाधाओं तथा मांस के इंडोनेशि‍या को नि‍र्यात जैसे महत्‍वपूर्ण मुद्दों को भी उठाया। इंडोनेशि‍याई मंत्री ने कहा कि ‍सभी क्षेत्रों में व्‍यापार और नि‍वेश के लि‍ए अधि‍क खुला वातावरण इंडोनेशि‍या के लि‍ए महत्‍वपूर्ण है। इससे कीमतें घटेंगी, जि‍सका देश के उपभोक्‍ताओं को फायदा होगा साथ ही साथ भारत द्वारा नि‍वेश के अवसर उपलब्‍ध होंगे।
आनंद शर्मा ने भारतीय खनन और इंडोनेशिया में आईपीपी को प्रभावित करने वाले नये खनन नियमों और विशेष नये विनियमों के मुद्दे को भी उठाया। भारतीय खनन कंपनियां उद्योग मंत्रालय द्वारा जकार्ता में मासिक रूप से घोषणा किये गए निर्धारित मूल्‍य पर कोयले का निर्यात कर रही हैं। इसने उन अनेक आईपीपी के आकलनों को अस्‍तव्‍यस्‍त कर दिया है, जिन्‍होंने इंडोनेशिया में उनके द्वारा परिचालित कोयला खानों के आधार पर कोयले के निश्चित मूल्‍य (निर्धारित मूल्‍य से कम) को मानकर विद्युत परियोजनाओं के लिए भारत में बोलियां प्रस्‍तुत की थीं। इंडोनेशिया के व्‍यापार मंत्री ने नीति की समीक्षा के लिए आनंद शर्मा के अनुरोध पर अनुकूल रूख दर्शाया है।
आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों ने जिन क्षेत्रों में पांच नये कार्यदलों का गठन करने का निर्णय लिया है वे हैं- स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा, औषधियां और जैव-प्रौद्योगिकी, खनन, कृषि प्रसंस्‍करण एवं खाद्य प्रसंस्‍करण, अनुसंधान, विकास एवं प्रौद्योगिकी, कौशल प्रशिक्षण। शर्मा ने जकार्ता में भारतीय प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया। इस प्रदर्शनी में कृषि प्रसंस्‍करण, उत्‍पादन एवं खनन और अन्‍य क्षेत्रों का प्रतिनिधित्‍व करने वाली 72 बड़ी कार्पोरेट कंपनियां और लघु व मध्‍यम उद्यम भाग ले रहे हैं। इस भारतीय प्रदर्शनी में भारत और इंडोनेशिया के शीर्ष व्‍यवसायियों के मध्‍य एक नेटवर्किंग सत्र आयोजित किया गया जिसमें स्‍वास्‍थ्‍य, रक्षा, कोयला खनन, तेल और गैस, बैंकिंग और बीमा पर विशेष ध्‍यान दिया गया है।
वर्ष 2011 में भारत और इंडोनेशिया के मध्‍य द्विपक्षीय व्‍यापार 20.136 बिलियन अमरीकी डॉलर का हुआ जबकि 2010 में यह 14.128 बिलियन अमरीकी डॉलर था। 2011 में इंडोनेशिया को कुल आयात 6.56 बिलियन डॉलर का हुआ जो 2010 में 4.43 बिलियन अमरीकी डॉलर का हुआ था। 2011 में इंडोनेशिया से कुल आयात 13.57 बिलियन अमरीकी डॉलर का हुआ जो 2010 में 9.69 बिलियन अमरीकी डॉलर का था। भारत, इंडोनेशिया द्विपक्षीय व्‍यापार में पिछले पांच वर्षों के दौरान तीस प्रतिशत से अधिक चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ोतरी हुई है। शर्मा ने जकार्ता में गीता गिरजावन के अलावा अर्थव्‍यवस्‍था समन्‍वय मंत्री हत्‍ता रजासा और उद्योग मंत्री मोहम्‍मद हिदायत से भी मुलाकात की।

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