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राष्ट्रीय मॉनसून मिशन कार्यक्रम

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नई दिल्ली। आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने पृथ्वी प्रणाली विज्ञान संगठन (ईएसएसओ) में पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय मॉनसून मिशन कार्यक्रम के क्रियान्वयन को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय मॉनसून मिशन के प्रमुख उद्देश्य हैं-देश में मॉनसून के पूर्वानुमान में सुधार लाने के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रकार से शैक्षिक और अनुसंधान एवं विकास संगठनों तथा संचालन एजेंसियों के बीच कार्यात्मक गठजोड़ का निर्माण करना। पूर्वानुमान कौशल में सुधार लाने के लिए गतिशील अत्याधुनिक तकनीकी ढांचे की स्थापना-मौसमी और विस्तारित रेंज पूर्वानुमान प्रणाली (16 दिन से लेकर एक सत्र), लघु से मध्यम रेंज पूर्वानुमान प्रणाली (15 दिनों तक)।
मिशन से संबंधित अनुसंधान कार्य की सहायता हेतु पांच वर्षों के लिए मिशन का बजट 400 करोड़ रुपए का है। राष्ट्रीय मॉनसून मिशन अपने क्रियान्वयन के बाद उन्नत पूर्वानुमान कौशल के साथ उपयुक्त स्थानिक पैमाने पर सभी समय मानों, कम रेंज से लेकर मौसमी समय मानों के लिए गतिशील पूर्वानुमान प्रणाली को लागू करने में मददगार होगा। इस पूर्वानुमान प्रणाली पर आधारित भविष्यवाणी कृषि, जल संसाधन प्रबंधन, बिजली उत्पादन, आपदा प्रबंधन और पर्यटन तथा परिवहन जैसे विभिन्न क्षेत्रों की ज़रूरतों को पूरा करेगी।
दक्षिण-पश्चिम मानसून का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने 2012 संबंधी दक्षिण-पश्चिम मानसून (जून से सितंबर) का पूर्वानुमान प्रस्‍तुत किया है, जिसके अनुसार देश भर में मानसून सामान्‍य (96 से 104 प्रतिशत) होगा। इसकी औसत संभावना 47 प्रतिशत होगी। संभावना है कि मानसून कालीन वर्षा दीर्घावधि औसत के अनुसार 99 प्रतिशत होगी। पूरे देश के संदर्भ में दीर्धावधि औसत वर्षा 1951- 2000 के संदर्भ में अब 89 सेंटीमीटर है। भारतीय मौसम विभाग जून 2012 में पूर्वानुमान करेगा, इसमें जुलाई और अगस्‍त तथा जून और सितंबर में होने वाली वर्षा के आंकडे शामिल होंगे।

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