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राष्‍ट्रपति ने बांटे भू-स्‍तर अभिनव प्रयोग पुरस्‍कार

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राष्‍ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील/president pratibha patil

नई दिल्ली। भारत की राष्‍ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने नई दिल्‍ली में छठा राष्‍ट्रीय भू-स्‍तर अभिनव प्रयोग पुरस्‍कार प्रदान किया तथा राष्‍ट्रपति संपदा में अभिनव प्रयोग प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। पुरस्‍कार कार्यक्रम का आयोजन नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ)ने किया था। ये पुरस्‍कार जमीनी स्‍तर पर नवीनता प्रदर्शित करने वाले लोगों और उत्‍कृष्‍ट पारंपरिक ज्ञानधारकों को प्रदान किये गए। यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए 15 मार्च, 2012 तक खुली रहेगी। इस प्रदर्शनी को देखने के लिए लोग सुबह 10 बजे से शाम के चार बजे तक गेट संख्‍या 35 से प्रवेश कर सकेंगे। प्रदर्शनी 12 मार्च अर्थात सोमवार को भी खुली रहेगी, जिसमें प्रवेश की अनुमति गेट संख्‍या 35 से होगी।
इन पुरस्‍कृत अभिनव प्रयोगों की पहचान राष्‍ट्रीय नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया (एनआईएफ) की 1 जनवरी, 2007 से 31 जनवरी, 2009 तक आयोजित छठी राष्‍ट्रीय ‌द्विवार्षिक प्रतियोगिता के दौरान की गई जिसमें 36 हजार से ज्‍यादा आवेदन प्राप्‍त हुए। राष्‍ट्रपति ने 15 राष्‍ट्रीय एवं एक जीवन-पर्यंत उपलब्धि पुरस्‍कार प्रदान किये। यह पुरस्‍कार 7 वर्गों में प्रदान किए गए जिसमें जीवन-पर्यंत उपलब्धि पुरस्‍कार, राष्‍ट्रीय, राज्‍य, सांत्वना, व्‍यापन, विचार, प्रशंसा एवं विशेष छात्र जैसे पुरस्‍कार शामिल है। कुछ चयनित नवीन उत्‍पादों में जैव-अवशेषों को वायु में परिवर्तित और मिश्रित करने के लिए ट्रेक्‍टर पर स्थित यंत्र, पेड़ों के छटाई संबंधी यंत्र, बिजली से चलने वाली पेंटिंग ब्रुश पौधों की नवीन किस्‍में, बुनाई मशीन एवं धान को कूटने वाली मशीनें शामिल हैं।
भू-स्‍तर के अभिनव प्रयोग के सा‍थ-साथ ये पुरस्‍कार पत्रकारों को भू-स्‍तर पर अभिनव प्रयोग अभियान में सहयोग के लिए नमूना, शोध तथा नवीन उत्‍पादों में नवीनता लाने वाले अभियंत्रण संस्‍थानों एवं विधि कम्‍पनियों को उनके द्वारा इन अभिनव प्रयोगों के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण सुलभ कराने के लिए दिया गया। इन पुरस्‍कारों का चयन विभिन्‍न स्‍तरों पर गहन जांच के बाद किया गया। सभी प्रविष्टियां तकनीकी एवं पेटेंट पूर्वकला की पहचान, पर आधारित थे, ताकि इनके नवीनता/ उत्‍कृष्‍टता एवं लागत प्रभाविकता का पता लगाया जा सके। शोध परामर्शी समिति में शोध एवं विकास संस्‍थाओं के प्रमुख, अभियंत्रण, कृषि और पशु महाविद्यालयों के विशेषज्ञ, देशभर के विभिन्‍न विद्यालयों के उपकुलपति शामिल थे जिन्‍होंने इन क्षमतावान विजेताओं का चयन किया।
केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन एनआईएफ स्‍वायत्‍त संस्‍था है, जो सक्रिय रूप से हमारे समाज में मधुमक्‍खी के एक गुच्‍छे की तरह संगठित स्‍वयंसेवियों के जरिए रचनात्‍मकता एवं नवीनता को बढ़ावा देने में कार्य कर रही है। मूलरूप से इसका उद्देश्‍य भू-स्‍तर पर नवीन प्रौद्योगिक एवं पारंपरिक ज्ञान विशेषज्ञों की पहचान, सम्‍मान एवं पुरस्‍कृत करना है, ताकि ऐसे अभिनव प्रयोगों एवं विशेषज्ञों का एक राष्‍ट्रीय रजिस्‍टर तैयार किया जा सके।

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