स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री प्रदीप जैन 'आदित्य' ने राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का उद्देश्य मैदानी क्षेत्रों में 500 एवं इससे अधिक व्यक्तियों की जनसंख्या वाले ग्रामीण क्षेत्रों में सभी पात्र सड़कों से न जुड़ी बसावटों को बारहमासी सड़क संपर्कता प्रदान करना है। पहाड़ी राज्यों (पूर्वोत्तर, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड), मरुभूमि वाले क्षेत्रों (मरूभूमि विकास कार्यक्रम में यथानिर्धारित) और जनजातीय (अनुसूची-V) क्षेत्रों और 78 चयनित जनजातीय और पिछड़े जिलों (योजना आयोग या गृह मंत्रालय से यथानिर्धारित) के संबंध में 250 एवं इससे अधिक की जनसंख्या वाली बसावटों को सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है, तथापि, नई संपर्कता के लिए मंजूरीकृत सड़कों के विस्तार के लिए कार्यक्रम दिशा निर्देशों के तहत कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं है। वर्ष 2012-13 में कार्यक्रम के लिए 24000 करोड़ रूपए की निधि निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया इस कार्यक्रम के दिशा निर्देशों में कोर नेटवर्क, जिला ग्रामीण सड़क योजना और वार्षिक योजना प्रस्तावों को अंतिम रूप देने से लेकर जिला सतर्कता और निगरानी समिति के अध्यक्ष, सह-अध्यक्ष के रूप में निगरानी करने तक संसद सदस्यों को महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने की परिकल्पना की गई है।