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नई दिल्ली। विमान सेवाओं का आम लोगों से संपर्क बढ़ाने के उद्देश्य से नागर विमानन मंत्रालय ने समुचित विकास मॉडल का प्रयोग कर उन क्षेत्रों को हवाई अड्डों से जोड़ने की योजना बनायी है जहां विमान सेवा नहीं है या कम है। नागर विमानन मंत्री अजित सिंह ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि ऐसे क्षेत्रों का विमान संपर्क बढ़ाने के लिए मंत्रालय पांच योजनाओं पर काम कर रहा है। ये हैं-समुचित विकास मॉडल का प्रयोग कर इन क्षेत्रों को हवाई अड्डों से जोड़ना, विमानन सेक्टर के लिए कराधान, ड्यूटी जैसी तथा अन्य आर्थिक बाधाओं की पहचान कर जोखिमों तथा अड़चनों को कम करने वाले कारकों की पहचान करना, क्षेत्र में बड़े तथा छोटे हवाई अड्डों को एक दूसरे से जोड़ना, क्षेत्रीय एयरलाइनों के लिए नीतिगत ढांचे की समीक्षा करना और देश में सामान्य विमानन विकास के लिए एक दृष्टिकोण विकसित करना। नागर विमानन मंत्री ने बताया कि राजस्थान में आठ, उत्तर प्रदेश में पांच, जम्मू-कश्मीर, असम, मिजोरम, लक्ष्यद्वीप, उड़ीसा, झारखंड, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश में एक-एक, गुजरात में तीन एवं उत्तराखंड में दो स्थानों पर नये हवाई अड्डों के निर्माण संबंधी अनुरोध राजनैतिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से प्राप्त हुए हैं। इनमें से किशनगढ़, जलगांव और देवघर में भारतीय विमान प्राधिकरण द्वारा हवाई अड्डे विकसित किये जा रहे हैं।