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बीकानेर। राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत सीसीडीयू राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन एवं जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिक विभाग ने गुरूवार को श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति सभागर में ‘राज्य जल नीति’ पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए श्रीडूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी भंवरलाल नागा ने ग्रामीणों को जल की बचत का महत्व बताया और कहा कि अपनी आदतों में बदलाव करके, छोटी-छोटी बातों को ध्यान में रखकर जल की बचत करनी चाहिए। नागा ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने जल के महत्व को समझा था और जल की किल्लत कभी नहीं आने दी, लेकिन हमारी बदली जीवनशैली ने वर्तमान में जल संकट की स्थिति उत्पन्न कर दी है, इसलिए अब समय रहते जल के महत्व को समझना होगा, अन्यथा आने वाले समय में हमें भारी जल संकट की स्थिति को देखना होगा।
श्रीडूंगरगढ़ पंचायत समिति के उप प्रधान मदन लाल सारस्वत ने कहा कि जल हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग है, अतः हमें इसका महत्व समझना चाहिए और जल ही जीवन के सूत्र वाक्य को अपनाना चाहिए। इस अवसर पर निराला विकास समिति बीकानेर के प्रभारी बुद्धराम बाना ने कहा कि जल संकट वर्तमान दौर की महत्वपूर्ण समस्या है। उन्होंने कहा कि हमें परंपरागत जलस्रोतों के महत्व को समझना चाहिए और जल परंपरागत जलस्रोतों का संरक्षण करना चाहिए। श्रीडूंगरगढ़ के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग के सहायक अभियंता राममूर्ति गोदारा ने आगुंतकों का स्वागत किया और वर्तमान राज्य जल नीति के बारे में विस्तार से जानकारी दी। सीसीडीयू के एचआरडी सलाहकार नवीन सारस्वत ने आगुंतकों का आभार प्रकट किया। श्रीडूंगरगढ़ उपखंड अधिकारी भंवर लाल नागा ने कार्यशाला की अध्यक्षता की, जबकि कार्यशाला का संचालन आईईसी सलाहकार श्याम नारायण रंगा ने किया। कार्यशाला में केसराराम गोदारा, धीर सिंह गोदारा सहित विभिन्न विभागों के प्रतिनिधि, अधिकारी, गणमान्य नागरिक और जनसमूह उपस्थित था।