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लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उद्योगपतियों को प्रदेश में कानून व्यवस्था की अनुकूल स्थिति और प्रदेशवासियों को सभी चुनावी वायदे पूरे करने का भरोसा दिलाया। आत्मविश्वास से लबरेज अखिलेश यादव ने कहा कि हम प्रदेश को खुशहाली के रास्ते पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और समाजवादी पार्टी की सरकार, प्रदेश को प्रगति के पथ पर ले जाने वाले निर्णय लेने में हिचकेगी नहीं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री का पद शासन-सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि जनता की सेवा करने का अवसर है और इसे पूरी कर्तव्यनिष्ठा के साथ निभाऊंगा।
अखिलेश यादव पार्टी मुख्यालय में जैन समाज के स्वागत कार्यक्रम में बोल रहे थे। अखिलेश यादव ने कहा कि मुझे यूपी के विकास के लिए जनता ने जिम्मेदारी सौंपी है, जनता को धन्यवाद कि उसने बहुमत देकर हमें उन बुराइयों से बचा लिया जिनमें हमें फंसना पड़ता। अब हमें समाजवादी पार्टी के संगठन के और ज्यादा विस्तार पर ध्यान देना होगा।आगरा, कन्नौज, कोलकाता और प्रदेश के अन्य जनपदों से आए जैन समाज के वरिष्ठ लोगों ने चुनावो मे समाजवादी पार्टी की जीत पर अखिलेश यादव का अभिनंदन करते हुए उन्हें शाल ओढ़ाकर और गुलदस्ते देकर स्वागत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव किरनमय नंदा, प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, बंगाल समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विजय भदौरिया सहित पश्चिम बंगाल के अग्रणी उद्योगपति निशीथ जैन, संदीप जैन, संदीप गंगवाल, नीलेश पारिख, भरतजी गंगवाल, सुनील जैन, बेनाराजी और राहुल जैन की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश में बेईमानी और भ्रष्टाचार के चलते उद्योग पनप नहीं रहे थे। समाजवादी पार्टी की सरकार में कानून व्यवस्था की ऐसी स्थिति होगी जिसमें निवेश का माहौल बनेगा। उन्होने उद्यमियों का स्वागत करते हुए प्रदेश में उनके द्वारा पूंजीनिवेश किए जाने की उम्मीद जताई। अखिलेश यादव ने प्रेस प्रतिनिधियों के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि समाजवादी पार्टी की उनकी सरकार में नए और अनुभवी दोनो ही लोगों का तालमेल होगा। उन्होने कहा कि बसपा सरकार हजारों करोड़ रूपए पार्को, स्मारकों और मूर्तियों पर फूंक सकती है तो बेकारी भत्ता देने के लिए धनराशि क्यों नहीं जुटाई जा सकती है? उन्होने कहा कि प्रदेश में इतने बड़े पैमाने पर बेकारी का पहले अंदाजा नहीं था। जिला सेवायोजन कार्यालयों में लाठीचार्ज की शिकायतों पर उन्होने अफसरों से बात की है और अब कहीं ऐसी बात सुनने को नहीं मिलेगी। व्यवस्था बनाए रखने के लिए लाइन लगवाना इंतजाम के तहत होता है।