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देहरादून। अग्निशमन सेवा दिवस के अवसर पर यहां अग्निशमन केंद्र में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जीएन गोस्वामी ने अग्नि दुर्घटना के दौरान इस्तेमाल होने वाले उपकरणों का निरीक्षण कर वर्ष 1944 में बांबे डाक यार्ड में घटित भीषण अग्नि दुर्घटना में 66 फायरमैनों के शहीदों को याद कर श्रद्धासुमन अर्पित कर परेड की सलामी ली। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि वर्ष 1944 में बांबे डाक यार्ड में घटित भीषण अग्नि दुर्घटना में विस्फोट होने के फलस्वरूप 66 फायरमैनों के शहीद हो जाने और कालान्तर में ऐसे अग्निशमन शामकों, जिन्होंने कर्तव्यबेदी पर अपने प्राणों का बलिदान किया है, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने और जनसाधारण को अग्निकांडों के प्रति जागरूक करने के दृष्टिकोण से प्रति वर्ष 14 अप्रैल को अग्निशमन सेवा दिवस आयोजित किया जाता है।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी सीएस जीना ने बताया कि अग्निशमन सेवा दिवस 14 से 20 अप्रैल तक मनाया जायेगा, जिसमें विभिन्न स्कूलों एवं अस्पतालों और विभिन्न स्थानों में अग्निशमन सुरक्षा के विषय में जानकारी दी जायेगी। जनपद में कुल 5 फायर स्टेशन एवं एक उपकेंद्र हैं। इन सभी फायर स्टेशनों पर गत वर्ष 2011 में कुल 423 अग्नि दुर्घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई, जिन पर कार्य करते हुए 3,13,97,900 की क्षति हुई और फायर सर्विस यूनिटों के उत्कृष्ट प्रयासों के फलस्वरूप 41,41,23,100 की सम्पत्ति को जलने से बचाया गया है। इन अग्निकांडों पर 12 मनुष्यों को बचाया जबकि दो लोगों की जलने से मृत्यु हो गई। उन्होंने कहा कि इसी प्रकार 39 जीव रक्षा पुकारें प्राप्त हुई जिनमें फायर सर्विस यूनिटों के प्रयासों से 112 मनुष्यों और 12 पशुओं को बचाया गया।
अग्निशमन अधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि वर्ष 2011 में जनपद देहरादून में जलभराव के कारण आपदा की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। फायर सर्विस और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से कई व्यक्तियों, पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर निकालकर और जलनिकासी का कार्य कर लोगों को राहत पहुंचायी गयी। जनपद में औद्योगिक क्षेत्र सेलाकुई में एक फायर स्टेशन स्थापित हो चुका है। इस फायर स्टेशन पर उच्च तकनीक वाले उपकरणों को रखा गया है एवं कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इस फायर स्टेशन पर एक हाईप्रेशर वाटर टेंडर, एक फॉम टेंडर, एक पोर्टेबुल पंप, एक डीसीपी टेंडर और एक जीव रक्षा वाहन मय सहवर्ती उपकरण उपलब्ध हैं। अगर कभी आग लगने की घटना होती है, तो तुरंत 101 और 100 नंबर पर फोन किया जा सकता है।
उन्होंने जागरूक किया कि माचिस एवं ज्वलनशील पदार्थ बच्चों की पहुंच से दूर रखें, धू्म्रपान करने के उपरान्त बीड़ी, सिगरेट, जलती हुई माचिस की तीली को सुरक्षित स्थान पर फेंके, आतिशबाजी का प्रयोग हमेशा खुले स्थान पर करें, बिजली की तारों को भली-भांति कसकर टेपिंग करें, यदि शरीर के कपड़ों में लगी आग बुझाने के लिए जमीन पर लोट लगाएं और कंबल आदि से शरीर को ढकने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि अग्निशमन कर्मी सदैव जन-धन की रक्षा को तत्पर रहते हैं, इसी उद्देश्य के साथ ही उत्तराखंड अग्निशमन एवं आपात सेवा जनता की सेवा में सदैव तत्पर है। इस अवसर पर एसपी सिटी जसवंत सिंह, एसपी यातायात अजय जोशी, सीओ प्रमेंद्र डोभाल, सीओ मणिकांत मिश्रा, सीओ श्वेता चौबे, चीफ वार्डन नागरिक सुरक्षा चंद्रगुप्त विक्रम, महाप्रबंधक उद्योग कौशल्या बंधु सहित अग्निशमन के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।