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लखनऊ। भारत छोड़ो आंदोलन की 70वीं सालगिरह के मौक़े पर गुरूवार से जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ विभिन्न जन संगठनों की साझा दस्तक की शुरूआत हुई। सांस्कृतिक संगठन दख़ल की पहल पर आयोजित इस सात दिवसीय जन जागरण अभियान का पहला पड़ाव लखनऊ में सार्वजनिक धरना स्थल था। शाम 3 से 5 बजे तक चले कार्यक्रम के तहत अभियान का परचा बांटा गया और जन संवाद हुआ। अभियान के जत्थे में कौशल किशोर, ओपी सिन्हा, केके शुक्ला, आदियोग, रामकृष्ण, अजय सिंह, भगवान स्वरूप कटियार, सत्येंद्र कुमार, अनिल मिश्र ’गुरूजी’, केके वत्स, तश्ना आलमी, विवेक सिंह और आरके सिन्हा शामिल थे।
शुक्रवार को अभियान के दूसरे दिन का पड़ाव भूतनाथ मार्केट और मुंशी पुलिया चौराहा होगा। समय होगा शाम 3 से 6 बजे। कार्यक्रम का नारा है- देशभक्ति का स्वांग बंद करो, जनद्रोही क़ानून रद्द करो, पिंजरा खोलो, जनता को आज़ादी दो। कार्यक्रम का मक़सद है-जनद्रोही क़ानूनों और राज्य दमन के ख़िलाफ़ लोगों को जगाना और जोड़ना, सच्ची आज़ादी के लिए आवाज़ बुलंद करना। कार्यक्रम के साझीदारों में राष्ट्रीय स्तर पर गठित काला क़ानून एवं दमन विरोधी मंच और सीमा-विश्वविजय रिहाई मंच के अलावा अमुक आर्टिस्ट ग्रुप, भारतीय जन संसद, इंडियन वर्कर्स कौंसिल, इनसानी बिरादरी, जन संस्कृति मंच, क्रांतिकारी सांस्कृतिक मंच, मज़दूर परिषद आदि जनपक्षधर संगठन शामिल हैं।