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Saturday 25 January 2020 05:30:23 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजपथ पर भारत के गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूपमें पधारे ब्राजील के राष्ट्रपति जेएर बोल्सोनारो और उनके उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल का आज नई दिल्ली में जोरदार स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्राजील के राष्ट्रपति से पिछले आठ महीने में यह तीसरी मुलाकात भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति का भारत आगमन एवं भारत और ब्राजील के बीच बढ़ती मित्रता दोनों देशों के बीच गहराते संबंधों को दर्शाती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए बहुत गर्व की बात है कि वे हमारे 71वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि हैं और कल राजपथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में भारत की विविधता का रंग-बिरंगा और उल्लासपूर्ण स्वरूप देखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ब्राजील खुद भी उल्लास से भरे त्योहारों का देश है, एक मित्र के साथ इस विशेष पर्व पर हम अपनी खुशी साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत का निमंत्रण स्वीकार करने के लिए मैं उनको धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि यह तीसरा अवसर है, जब ब्राजील के राष्ट्रपति ने यह सम्मान हमें दिया है, उनका आगमन भारत-ब्राजील के बीच मजबूत मित्रता का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्राज़ील की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप हमारी समान विचारधारा और मूल्यों पर आधारित है, इसलिए भौगोलिक दूरी के बावज़ूद हम विश्व के कई मंचों पर एक साथ हैं और विकास में एक-दूसरे के महत्वपूर्ण पार्टनर भी हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बोल्सानारो और मैं हमारे द्विपक्षीय सहयोग को सभी क्षेत्रों में और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए हैं, हमारी रणनीतिक भागीदारी और मज़बूत करने के लिए एक वृहद कार्य योजना तैयार की गई है, सन् 2023 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की प्लेटिनम जुबली होगी, मुझे पूरा विश्वास है कि तब तक यह एक्शन प्लान हमारी रणनीतिक साझेदारी, लोगों से लोगों के बीच संबंधों और व्यापार सहयोग को और गहरा बनाए रखने के लिए लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमने आज कई महत्वपूर्ण समझौते भी किए हैं, निवेश हो या अपराधिक मामले या कानूनी सहायता, ये हमारे सहयोग को नए आधार देंगे। उन्होंने कहा कि विविध क्षेत्र जैसे-जैव ऊर्जा, मवेशी जीनोमिक्स, स्वास्थ्य और पारंपरिक चिकित्सा, साइबर सुरक्षा, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, तेल, गैस और संस्कृति हमारे आपसी सहयोग के सुखद पहलू हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि किसी समय भारत से गीर और कंकरेजी गायें ब्राजील गई थीं और आज ब्राजील-भारत इस विशेष पशुधन को बढ़ाने और उससे मानवता को लाभ पहुंचाने पर सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस सहयोग के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व को किसी भी भारतीय के लिए शब्दों में बयान कर पाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक क्षेत्रों के अलावा कई नए क्षेत्र भी हमारे संबंधों में जुड़ रहे हैं, हम रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने के लिए नए तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, रक्षा सहयोग में हम व्यापक-आधारित भागीदारी चाहते हैं, इन संभावनाओं को देखते हुए हमें खुशी है कि अगले महीने लखनऊ में डेफएक्सपो 2020 में ब्राजील का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भाग लेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि जैव ऊर्जा, आयुर्वेद और उन्नत कंप्यूटिंग पर शोध में सहयोग बढ़ाने पर हमारे शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थान के बीच सहमति बनी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के आर्थिक परिवर्तन में ब्राज़ील एक मूल्यवान भागीदार है, खाद्य और ऊर्जा के क्षेत्रों में हमारी आवश्यकताओं के लिए हम ब्राज़ील को एक विश्वसनीय स्रोत के रूप में देखते हैं।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि दोनों देशों में तेजी से द्विपक्षीय व्यापार बढ़ रहा है, दोनों बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संपूरकता को देखते हुए हम इसे बहुत अधिक बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा कि ब्राज़ील के व्यापार प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करके हमें खुशी है और मुझे विश्वास है कि भारतीय व्यापारियों के साथ उनकी मुलाकातों के अच्छे परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की ओर से निवेश को सुगम बनाने के लिए आवश्यक कानूनी ढांचा तैयार किया गया है, आज के विश्व में भारत और ब्राज़ील के बीच सामाजिक सुरक्षा समझौते के पेशेवरों के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि दो बड़े लोकतांत्रिक और विकासशील देश होने के नाते महत्वपूर्ण वैश्विक और बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत और ब्राज़ील के विचारों में गहरी समानता है, चाहे आतंकवाद की गंभीर समस्या हो या पर्यावरण का प्रश्न। उन्होंने कहा कि विश्व के सामने मौजूदा कठिन चुनौतियों पर हमारा नजरिया बहुत मिलता-जुलता है, विशेष रूपसे ब्रिक्स और आईबीएसए में हमारी भागीदारी भारत की विदेश नीति का एक महत्वपूर्ण पहलू है। उन्होंने कहा कि हमने तय किया है कि दोनों देश बहुपक्षीय मुद्दों पर अपने सहयोग को और दृढ़ बनाएंगे, हम सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में आवश्यक सुधार के लिए मिलकर प्रयासरत रहेंगे।