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Wednesday 8 July 2020 01:54:01 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के अध्यक्ष एम अजीत कुमार ने केंद्रीय राजस्व नियंत्रण प्रयोगशाला में शामिल किए गए अनेक नए और आधुनिक परीक्षण उपकरणों का अनावरण किया और कहा कि इससे सीमा शुल्क विभाग की आंतरिक परीक्षण क्षमता काफी बढ़ जाएगी, ऐसे में पहले के मुकाबले अब कहीं ज्यादा तेजी से आयात और निर्यात क्लीयरेंस संभव हो पाएगा। उन्होंने सीबीआईसी के प्रमुख कार्यक्रम ‘तुरंत कस्टम्स’ के तहत ‘कॉंटैक्टलेस कस्टम्स’ में आवश्यक सहयोग देने के लिए आईटी संबंधी अभिनव सुविधाओं का भी शुभारंभ किया।
अजीत कुमार ने एक विवरणिका भी जारी की, ताकि अत्याधुनिक उपकरणों के व्यापक उन्नयन के बाद सीआरसीएल के उपकरणों एवं परीक्षण सुविधाओं पर प्रकाश डाला जा सके। इसपर लगभग 80 करोड़ रुपये की लागत आई है। नई दिल्ली, कांडला, वडोदरा, मुंबई, न्हावा शेवा, कोच्चि, चेन्नई और विशाखापत्तनम में सीआरसीएल की 8 प्रयोगशालाओं ने परिभाषित दायरे हेतु आईएसओ/ आईईसी 17025:2017 के अनुसार रासायनिक परीक्षण के लिए एनएबीएल मान्यता प्राप्त कर ली है। इसके अलावा नई दिल्ली और चेन्नई में सीआरसीएल की प्रयोगशालाएं फॉरेंसिक परीक्षण (एनडीपीएस पदार्थों के परीक्षण) के लिए एनएबीएल से मान्यता प्राप्त हैं।
कॉन्टैक्टलेस कस्टम्स को बढ़ावा देने के लिए अनावरण की गई आईटी सुविधाओं से निर्यातक आइसगेट के माध्यम से अपने बैंक खाते एवं एडी कोड में परिवर्तनों का स्वत: ही प्रबंधन कर सकेंगे, साथ ही सीमा शुल्क अधिकारी से संपर्क किए बिना ही ‘आइसगेट’ पर पंजीकरण भी करा सकेंगे। आईसीईएस में बॉन्डों को स्वचालित या स्वत: डेबिट किया जा सकेगा, जिससे मैनुअल रूपसे किए गए डेबिट को प्राप्त करने के लिए आयातक को अबसे कस्टम हाउस नहीं जाना पड़ेगा। यह भी निर्णय लिया गया है कि बॉन्ड में शेष राशि को अब से आयात दस्तावेज में दर्शाया जाएगा, जिससे आयातकों को अपने आयात की योजना बनाने में मदद मिलेगी। अजीत कुमार ने इन अभिनव सुविधाओं की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला, जिससे सीमा शुल्क अधिकारियों से संपर्क करने की जरूरत नहीं के बराबर रह जाएगी।
एक महत्वपूर्ण बात यह है कि ‘बगैर उपस्थिति आकलन (फेसलेस असेसमेंट)’ के पहले चरण के लिए बेंगलुरू और चेन्नई जोन में एकल बिंदु संपर्क (इंटरफेस) की सुविधा प्रदान करने से हो रहे लाभों को ध्यान में रखते हुए सीबीआईसी 15 सितंबर 2020 से सभी कस्टम प्रकोष्ठों में तुरंत सुविधा केंद्र की स्थापना करेगा। जब भी सीमा शुल्क विभाग किसी दस्तावेज जैसेकि ‘उत्पाद के मूल देश संबंधी प्रमाणपत्र में कोई विकृति’ हो जाने पर उपयुक्त दस्तावेज को प्रस्तुत करना आवश्यक बताएगा तो वैसी स्थिति में टीएसके ही अबसे कस्टम प्रकोष्ठों में एकमात्र संपर्क बिंदु या केंद्र होगा, इससे कस्टम क्लीयरेंस प्रक्रिया के अब और भी आसान हो जाने की उम्मीद है।