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Saturday 8 August 2020 06:01:56 PM
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पूर्व उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू को भारत का नया नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक बनाया गया है और उन्होंने आज ही इस पद पर कार्यभार भी ग्रहण कर लिया है। गिरीश चंद्र मुर्मू गुजरात कैडर (1985 बैच) के भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी हैं, उनकी नियुक्ति राजीव महर्षि के स्थान पर हुई है, जिन्होंने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन में गिरीश चंद्र मुर्मू को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस अवसर पर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, पूर्व नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी या कैग) राजीव महर्षि उपस्थित थे।
गिरीश चंद्र मुर्मू शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएजी कार्यालय गए, जहां भारतीय लेखा परीक्षा और लेखा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने सीएजी कार्यालय में महात्मा गांधी और बाबासाहब डॉ भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। जम्मू-कश्मीर जाने से पहले गिरीश चंद्र मुर्मू ने व्यय विभाग में संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग एवं राजस्व विभाग में अपर सचिव और फिर विशेष सचिव तथा इसके बाद व्यय विभाग में पूर्णकालिक सचिव के रूपमें अपनी सेवाएं दी हैं। दिल्ली में अपने कार्यकाल से पहले गिरीश चंद्र मुर्मू ने गुजरात सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। उन्हें प्रशासनिक, आर्थिक और अवसंरचना क्षेत्रों में कामकाज का व्यापक अनुभव है।
गौरतलब है कि गिरीश चंद्र मुर्मू यहां से पहले केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनाए गए थे। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद पर रहते हुए जीसी मुर्मू ने 'परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव' जैसे अखबारों में लेख लिखे थे, जिनपर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़ी अप्रसन्नता प्रकट की थी और उपराज्यपाल से ऐसे बयानों पर रोक लगाने को भी कहा था। जीसी मुर्मू ने द ट्रिब्यून अखबार में 28 जुलाई 2020 को यह लेख लिखा था। उनके इसी तरह के लेख और बयान द हिंदू में दिनांक 18.11.2019, न्यूज़ 18 में दिनांक 14.11.2019, हिंदुस्तान टाइम्स में 26.6.2020 और इकोनॉमिक टाइम्स (ई-पेपर) में दिनांक 28.7.2020 को भी छपे थे। निर्वाचन आयोग ने जीसी मुर्मू के जम्मू और कश्मीर में चुनाव संबंधी लेखों और बयानों का कड़ा संज्ञान लिया था और उनसे कहा था कि चुनाव वाले इलाके में स्थलाकृति, मौसम, क्षेत्रीय तथा स्थानीय उत्सवों को देखकर चुनावों का समय आदि तय करना भारत चुनाव आयोग का एकमात्र अधिकार है। समझा जाता है कि इस विवाद को यहीं समाप्त करने के लिए भारत सरकार ने उन्हें जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल पद से हटाकर उन्हें भारत का नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक बना दिया है।