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Saturday 29 March 2025 12:55:49 PM
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के पायलटों को हवा में ईंधन भरने का प्रशिक्षण प्रदान करने केलिए फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट की वेट लीजिंग केलिए मेट्रिया मैनेजमेंट केसाथ अनुबंध किया है। मेट्रिया मैनेजमेंट छह महीने के भीतर एफआरए यानी केसी135 विमान उपलब्ध कराएगा, जो भारतीय वायुसेना का लीज पर लिया जानेवाला पहला फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट होगा। रक्षा मंत्रालय ने 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड की आपूर्ति केलिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड केसाथ भी प्रशिक्षण और अन्य संबद्ध उपकरणों केसाथ 62700 करोड़ रुपये के दो अनुबंध करार किए हैं। इन पहलों से अत्यधिक ऊंचाई पर भारतीय सशस्त्र बलों की लड़ाकू क्षमता में वृद्धि और तेज गति से होगी।
फ्लाइट रिफ्यूलिंग हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति, अनुबंध के तीसरे साल से शुरू होगी और अगले पांच वर्ष तक जारी रहेगी। लड़ाकू हेलीकॉप्टर प्रचंड भारत का पहला स्वदेशी रूपसे डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर उड़ान भरने की क्षमता रखता है। इसमें बड़ी संख्या में उपकरण भारत में डिजाइन व निर्मित हैं और इस खरीद के निष्पादन के दौरान 65 प्रतिशत से अधिक की समग्र स्वदेशी सामग्री प्राप्त करने की योजना है। इसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियां शामिल होंगी, जिनमें अधिकतर एमएसएमई होंगी और इससे 8500 से अधिक प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष नौकरियों के अवसर सृजित होंगे। पहला अनुबंध भारतीय वायुसेना को 66 एलसीएच की आपूर्ति केलिए है और दूसरा भारतीय सेना को 90 एलसीएच की आपूर्ति हेतु किया गया है। इन अनुबंधों केसाथ वर्ष 2024-25 में रक्षा मंत्रालय के हस्ताक्षरित अनुबंधों की संख्या 193 तक हो गई है, जिनका समग्र अनुबंध मूल्य 2,09,050 करोड़ रुपये से अधिक है, जो अबतक का सबसे अधिक और पिछले उच्चतम आंकड़े से लगभग दोगुना है। गौरतलब हैकि इस धनराशि में कर शामिल नहीं है, इनमें से 177 (92%) अनुबंध घरेलू उद्योग को दिए गए हैं, जिनका अनुबंध मूल्य 1,68,922 करोड़ रुपये (81%) था।