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Wednesday 28 October 2020 01:53:27 PM
नई दिल्ली। भारतीय डाक विभाग और यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विस ने भारत और अमेरिका के बीच आदान-प्रदान किए जाने वाले डाक नौवहन से संबंधित सीमा शुल्क डेटा के इलेक्ट्रॉनिक विनिमय के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। समझौते से अंतर्राष्ट्रीय डाक सामानों के गंतव्य पर पहुंचने से पहले उनका इलेक्ट्रॉनिक डेटा संचारित और हासिल करना संभव हो जाएगा और बदलते वैश्विक डाक ढांचे के अनुरूप डाक सामानों को सीमा शुल्क संबंधी अग्रिम मंजूरी मिलने की व्यवस्था बनाने में मिलेगी। इससे विश्वसनीयता, दृश्यता और सुरक्षा के लिहाज से डाक सेवाओं के प्रदर्शन में भी सुधार होगा।
अमेरिका भारत के लिए शीर्ष निर्यात स्थल है, जो डाक माध्यम के जरिए माल के आदान-प्रदान में भी दिखता है। वर्ष 2019 में आउटबाउंड ईएमएस का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा और भारतीय डाक के संचारित 30 प्रतिशत पत्र और छोटे पैकेट अमेरिका भेजे गए थे, जबकि भारतीय डाक को मिले पार्सल का 60 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका से आया था। समझौते के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक एडवांस डेटा का आदान-प्रदान डाक माध्यम के जरिए भारत के अलग-अलग हिस्सों से अमेरिका को किए जाने वाले निर्यातों पर जोर देते हुए आपसी व्यापार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम चालक होगा। गौरतलब है कि अमेरिका भारत के एमएसएमई उत्पादों, रत्न एवं आभूषणों, दवाओं और दूसरे स्थानीय उत्पादों के लिए एक प्रमुख निर्यात स्थल है।
भारत-अमेरिका में इस समझौते से निर्यात वस्तुओं की सीमा शुल्क संबंधी मंजूरी की प्रक्रिया में तेजी लाने से जुड़ी निर्यात उद्योग की एक प्रमुख मांग पूरी होगी। समझौते से पूरा होने वाला सबसे अहम उद्देश्य देश के अलग-अलग हिस्सों से डाक माध्यमों के जरिए छोटे और बड़े निर्यातकों के लिए निर्यात की आसानी में मदद करना होगा। यह भारत को दुनिया के लिए निर्यात का गढ़ बनाने में योगदान देगा। समझौते पर भारतीय डाक विभाग के उप महानिदेशक (अंतर्राष्ट्रीय संबंध और वैश्विक व्यापार) प्रणय शर्मा, ग्लोबल बिजनेस ऑफ यूनाइटेड स्टेट्स पोस्टल सर्विस के प्रबंध निदेशक रॉबर्ट एच रेंस जूनियर ने हस्ताक्षर किए।