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Friday 3 December 2021 02:32:21 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए फिन-टेक पर एक विचारशील नेतृत्वकारी मंच इनफिनिटी फोरम का उद्घाटन करते हुए कहा हैकि मुद्रा का इतिहास बताता हैकि इस क्षेत्र में जबरदस्त क्रमिक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत में पिछले वर्ष पहलीबार मोबाइल से भुगतान ने एटीएम नकद निकासी को पीछे छोड़ दिया है। उन्होंने कहाकि पूर्ण रूपेण डिजिटल बैंक बिना किसी इमारती बैंक शाखा के अब एक वास्तविकता है और एक दशक से भी कम समय ये बहुत आम हो जाएंगे। उन्होंने कहाकि जैसे मानव का क्रमिक विकास हुआ है, उसी तरह हमारे लेन-देन के स्वरूप का भी विकास हुआ है, चीजों की अदला-बदली से लेकर धातु तक, फिर सिक्कों से नोटों तक, फिर चेक से कार्ड तक होते हुए आज हम यहां पहुंच चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि भारत ने दुनिया को साबित कर दिया हैकि जब प्रौद्योगिकी को अपनाने या उसके मद्देनज़र नवाचार की बात आती है तो भारत किसीसे कम नहीं है। उन्होंने कहाकि डिजिटल इंडिया केतहत परिवर्तनशील पहलों ने शासन में लागू करने केलिए अभिनव फिन-टेक समाधानों केलिए द्वार खोल दिए हैं। उन्होंने कहाकि अब वक्त आ गया हैकि इन फिन-टेक पहलों को फिन-टेक क्रांति में बदल दिया जाए, एक ऐसी क्रांति जो देश के प्रत्येक नागरिक के वित्तीय अधिकारिता को प्राप्त करने में मददगार हो। नरेंद्र मोदी ने कहाकि 2014 में 50 प्रतिशत से कम भारतीयों केपास बैंक खाते थे, लेकिन बैंक खातों को सर्वसुलभ बना दिया गया और पिछले सात वर्ष में 430 मिलियन जनधन खाते खुल गए। उन्होंने तमाम पहलों का जिक्र करते हुए कहाकि पिछले वर्ष 690 मिलियन रूपे कार्डों से 1.3 अरब लेन-देन हुए, यूपीआई ने पिछले माह ही लगभग 4.2 अरब लेन-देन को संसाधित किया, हर महीने लगभग 300 मिलियन बिलों को जीएसटी पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।
नरेंद्र मोदी ने कहाकि कोविड महामारी के बावजूद लगभग 1.5 मिलियन रेलवे टिकट हर दिन ऑनलाइन बुक किए जाते हैं, पिछले वर्ष फास्टैग ने 1.3 अरब निर्बाध लेन-देन किया, प्रधानमंत्री स्वनिधि की बदौलत देशभर में छोटे विक्रेताओं केलिए कर्ज सुगम हुआ, ई-रूपी के आधार पर बिना किसी खामी के विशिष्ट सेवाओं की लक्षित आपूर्ति की गई। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दियाकि वित्तीय समावेश से फिन-टेक क्रांति को गति मिलती है। प्रधानमंत्री ने कहाकि फिन-टेक चार स्तंभों पर आधारित है-आय, निवेश, बीमा और संस्थागत ऋण। उन्होंने कहाकि जब आय बढ़ती है तो निवेश संभव होता है, बीमा कवरेज से बड़े जोखिम उठाने और निवेश करने की क्षमता बढ़ती है, संस्थागत ऋण से विस्तार को उड़ान मिलती है और हमने इनमें से हर स्तंभ पर काम किया है। उन्होंने कहाकि जब ये सारे घटक एक-साथ आते हैं तो आपको वित्तीय सेक्टर में काम करने वाले इतने सारे लोग अचानक नज़र आने लगते हैं।
प्रधानमंत्री ने जनता केबीच इन नवाचारों की भारी स्वीकृति के प्रकाश में फिन-टेक में विश्वास के महत्व पर बल दिया, आम भारतीय ने डिजिटल भुगतान और ऐसी प्रौद्योगिकियों को अपनाकर हमारी फिन-टेक इको-प्रणाली में भारी भरोसा जताया है। उन्होंने कहाकि यह भरोसा एक जिम्मेदारी है, भरोसे का मतलब हैकि आप यह सुनिश्चित करेंकि लोगों के हित सुरक्षित हैं, फिन-टेक सुरक्षा नवाचार के बिना फिन-टेक नवाचार अधूरा रहेगा। प्रधानमंत्री ने फिन-टेक क्षेत्र में भारत के अनुभव के विस्तृत उपयुक्तता का हवाला दिया। उन्होंने कहाकि दुनिया केसाथ अनुभवों और विशेषज्ञता को साझा करने तथा दुनिया से सीखने की तरफ भारत का हमेशा रुझान रहा है। प्रधानमंत्री ने कहाकि हमारे डिजिटल लोक अवसंरचना समाधान दुनियाभर के लोगों के जीवन को सुधार सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि गिफ्ट-सिटी महज़ एक प्रांगण नहीं है, बल्कि वह भारत का प्रतिनिधित्व करता है, वह भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों, मांग, विभिन्न जन-समुदायों और विविधता का प्रतिनिधित्व करता है, विचारों, नवाचार और निवेश के प्रति भारत के खुलेपन का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहाकि गिफ्ट-सिटी वैश्विक फिन-टेक विश्व केलिए प्रवेशद्वार है।
प्रधानमंत्री ने यह कहकर अपनी बात पूरी कीकि अर्थव्यवस्था केलिए वित्त जीवनदायिनी रक्त है और प्रौद्योगिकी उसकी धमनी, अंत्योदय और सर्वोदय को प्राप्त करने केलिए दोनों समान रूपसे महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम की मेजबानी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण भारत सरकार के तत्वावधान में गिफ्ट-सिटी और ब्लूमबर्ग कर रहे हैं। इसका आयोजन तीन और चार दिसंबर 2021 को हो रहा है। फोरम के इस प्रथम आयोजन में इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका और यूके साझीदार देश हैं। इनफिनिटी-फोरम के जरिए नीति, व्यापार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विश्व की जानी-मानी प्रतिभाएं एकसाथ आएंगी तथा इस बात पर गहन विमर्श करेंगी कि कैसे प्रौद्योगिकी और नवाचार को फिन-टेक उद्योग में इस्तेमाल किया जा सकता है, ताकि समावेशी विकास हो तथा बड़े पैमाने पर सबकी सेवा हो।
इनफिनिटी फोरम का एजेंडा ‘बियॉन्ड’ विषय पर केंद्रित है, इसमें विभिन्न उपविषय शामिल हैं जैसे वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च सीमा तक, इसके तहत सरकारें और व्यापार संस्थाएं वित्तीय समावेश को प्रोत्साहित करने केलिए भौगोलिक सरहदों के परे ध्यान देंगी, ताकि वैश्विक समूह का विकास हो सके। वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च वित्त केतहत स्पेस-टेक, ग्रीन-टेक तथा एग्री-टेक जैसे उभरते क्षेत्रों में एकरूपता लाई जा सके और सतत विकास हो सके और वित्त-प्रौद्योगिकी सर्वोच्च अग्रिम केतहत इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि कैसे क्वॉन्टम कंप्यूटिंग, भावी फिन-टेक उद्योग तथा नये अवसरों को प्रोत्साहित करने केलिए प्रभावी हो सकता है। इस फोरम में 70 से अधिक देश हिस्सा ले रहे हैं।