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राष्‍ट्रपति ने भाषा विद्वानों को दिया सम्‍मान

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Thursday 15 August 2013 08:33:59 AM

नई दिल्‍ली। राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संस्‍कृत, फारसी अरबी तथा पाली/प्राकृत के जिन विद्वानों को सहर्ष सम्‍मान-प्रमाणपत्र प्रदान किए हैं, वे हैं-संस्‍कृत में प्रोफेसर सुब्‍बारावव पेरी, डॉ कृष्‍ण लाल, डॉ हंसाबेन एन हिंडोचा, प्रोफेसर चंद्र कांत शुक्‍ला, प्रोफेसर मल्लिकार्जुन बी पराड्डी, मोहन गुप्‍ता, प्रोफेसर मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, प्रोफेसर अलेखा चंद्र सारंगी, पदम शास्‍त्री (पदम दत्‍त ओझा शास्‍त्री), डॉ गणेशी लाल सुथार, डॉ प्रशस्‍य मित्रा शास्‍त्री, भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्‍त्री’, प्रोफेसर जय शंकर लाल त्रिपाठी। संस्‍कृत (अंतर्राष्‍ट्रीय)में डॉ रॉबर्ट पी गोल्‍डमेन, फारसी में प्रोफेसर (श्रीमती) क़मर गफ्फार, एमएच सिद्दकी, अरबी में मोहम्‍मद अज़ीमुद्दीन, प्रोफेसर जिक्‍रूर रहमान, प्रोफेसर अहमद नसीम सिद्दकी, पाली/प्राकृत में प्रोफेसर भिक्षु सत्‍यपाल।
इसके अतिरिक्‍त, राष्‍ट्रपति ने संस्‍कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के विद्वानों को महर्षि वदरायन व्‍यास सम्‍मान प्रदान किया है, जो संस्‍कृत के डॉ बलराम शुक्‍ला, डॉ धनंजय वायुदेव द्विवेदी, के वेंकटेश मूर्ति, प्रोफेसर नीरज शर्मा, डॉ उपेंद्र कुमार त्रिपाठी, फारसी में शबीब अनवर अल्‍वी, अरबी में डॉ अशफ़ाक अहमद, पाली/प्राकृत में डॉ अनेकांत कुमार जैन। ये सम्‍मान स्‍वतंत्रता दिवस पर वर्ष में एक बार संस्‍कृत, फारसी, अरबी तथा पाली/प्राकृत के क्षेत्रों में महत्‍वपूर्ण योगदान के लिए प्रदान किए जाते हैं।

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