स्वतंत्र आवाज़
word map

रोज़गार सृजन के लिए उत्पादन बढ़ाएं-आनंद शर्मा

मीडिया में केवल नकारात्‍मक बातों को बढ़ावा दुर्भाग्यपूर्ण

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 February 2013 08:05:58 AM

anand sharma at the cii interactive session on 'transforming india-role of youth', in mumbai

मुंबई। केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग और कपड़ा मंत्री आनंद शर्मा ने बुधवार को मुंबई में सेंट जेवियर्स कॉलेज में "ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया: रोल ऑफ यूथ" विषय पर सीआईआई के विशेष संवाद सत्र में कहा है कि रोज़गार सृजन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत 16 से बढ़ाकर 26 प्रतिशत पर पहुंचाना चाहिए, इस लक्ष्य को हासिल करने में राष्ट्रीय विनिर्माण नीति एक महत्वपूर्ण ज़रिया है। आनंद शर्मा ने कहा कि देश के सामने रोज़गार सृजन एक प्रमुख चुनौती है, इसीलिए वार्षिक 9 प्रतिशत की उच्च आर्थिक विकास दर हासिल करना ज़रूरी है। उन्‍होंने कहा कि उच्च विकास दर कोई विकल्प नहीं है, बल्कि ये अनिवार्य है और बड़ा मुद्दा केवल अंको का नहीं बल्कि सामाजिक आयाम का है, अगर हम रोज़गार उत्पन्न करने में विफल होते हैं, तो सामाजिक व्यय असह्य हो जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों को राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के बारे में बताया जिसके तहत वर्ष 2022 तक 50 करोड़ लोगों को काम से संबंधित कौशल प्रदान किया जाएगा।
भारत को विनिर्माण का प्रमुख केंद्र बनाने की सरकार की गंभीरता का उल्‍लेख करते हुए वाणिज्य, उद्योग मंत्री ने कहा कि देश भर में विश्‍व स्‍तरीय औद्योगिकी टाउनशिप स्‍थापित करने की प्रक्रिया जारी है। दिल्‍ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे-डीएमआईसी को दुनिया में बुनियादी ढांचे की सबसे बड़ी परियोजना बताते हुए उन्होंने कहा कि 900 वर्ग किलोमीटर में 12 औद्योगिक टाउनशिप में से 9 डीएमआईसी के तहत आते हैं, जिनमें गुजरात में धोलेरा औद्योगिक केंद्र सबसे बड़ा है। उन्‍होंने कहा कि 7 परियोजनाओं का मास्‍टर प्‍लान पहले ही पूरा किया जा चुका है। प्रौद्योगिकी पर जोर देते हुए शर्मा ने कहा कि दुनिया बदल रही है और प्रौद्योगिकी ही इस परिवर्तन को आगे बढ़ा रही है, सरकार ने प्रौद्योगिकी विकास को अत्‍याधिक महत्‍व दिया है और शोध और अनुसंधान पर खर्च को बढ़ाकर दो प्रतिशत करने की योजना बनाई है।
उन्‍होंने कहा कि नये प्रौद्योगिकी और डिजाइन संस्‍थान स्‍थापित किये जा रहे हैं, जो इस चुनौती का सामना करने के लिए युवाओं की आवश्‍यकताओं को पूरा करेंगे। वृद्ध होते पश्चिमी देशों और चीन के भी उसी हाल में पहुंचने के बीच भारत में युवाओं की बड़ी आबादी है और अभी उसके 5 करोड़ 70 लाख अतिरिक्‍त कुशल कर्मी दुनिया भर में रोज़गार के अवसर पूरा करने के लिए तैयार होंगे, हालांकि उन्‍होंने दुनिया के देशों को खुले बाजार की प्रतिबद्धता निभाने को भी कहा। शर्मा ने कहा कि आर्थिक एकीकरण वर्तमान वैश्विक जगत की अनिवार्यता है और भारत भी आसियान और अफ्रीकी देशों सहित अन्‍य राष्‍ट्रों के साथ व्‍यापक आर्थिक साझेदारी समझौतों से जुड़ा हुआ है। बहु ध्रुवीय विश्‍व में भारत के विविधता पूर्व व्‍यापारिक संबंध हैं। आसियान के साथ जहां उसका 80 अरब डॉलर का कारोबार है, वहीं अ‍फ्रीकी देशों के साथ 70 अरब डॉलर का। अब भारत केवल विकसित देशों पर निर्भर नहीं हैं, आगामी वर्षों में दक्षिण-दक्षिण सहयोग और बढ़ेगा।
विद्यार्थियों का ध्‍यान मुंबई और दिल्‍ली में फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलोंद और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड केमरन की दो महत्‍वपूर्ण यात्राओं की ओर दिलाते हुए शर्मा ने कहा कि विश्‍व अब भारत की ओर देख रहा है और भारत को अपनी शक्तियों का उपयोग करना चाहिए, ताकि 21वीं शदाब्‍दी में वह वैश्विक नेतृत्‍व हासिल कर सके। भ्रष्‍टाचार और घोटालों के मुद्दों पर वाणिज्‍य, उद्योग और कपड़ा मंत्री ने कहा कि भारत ने इस समस्‍या का सामना करने के लिए स्‍वतंत्र न्‍यायपालिका के रूप में प्रभावी व्‍यवस्‍था कायम कर रखी है। सत्‍यम का उदाहरण देते हुए उन्‍होंने कहा कि सरकार 20 हजार से अधिक नौकरियों को बचाते हुए पारदर्शी तरीके से स्‍वामित्‍व में परिवर्तन करने में सक्षम रही। उन्‍होंने कहा कि दुर्भाग्‍य से मीडिया में केवल नकारात्‍मक बातों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया जाता है, जबकि अच्‍छी खबरें सामने नहीं आतीं।
आर्थिक विकास प्रक्रिया में विद्यार्थियों को शामिल करने की भारतीय वाणिज्‍य और उद्योग परिसंघ-सीआईआई की पहल के तहत सेंट जेवियर्स कॉलेज मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में सीआईआई के पूर्व अध्‍यक्ष तथा वर्तमान में टाटा स्‍टील के उपाध्‍यक्ष बी मुत्‍थुरमन, दिल्‍ली-मुंबई औद्योगिक गलियारे के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत और सेंटर जेवियर्स कॉलेज के प्रिंसीपल फादर फ्रेजर मास्‍केरेंहास मौजूद थे।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]