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Wednesday 13 December 2017 12:32:08 AM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व डॉ दिनेश शर्मा, नगर विकास एवं संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना और राज्य की पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी की मौजूदगी में प्रयाग कुंभ-2019 का 'लोगो' जारी करते हुए कहा है कि कुम्भ में लोगों की असीम आस्था है, जो उन्हें उनके आध्यात्मिक सरोकारों संस्कारों और संपूर्ण आत्मसंतुष्टि के लिए संगम तट पर लाती है। उन्होंने कुंभ पर अपने उद्गारों में कहा कि यह श्रद्धालुओं का विश्व का सर्वोच्च आस्थावान समागम है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में लोग आते हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ की महान महत्ता के मद्देनजर यूनेस्को ने भी इसे 'इंटैंजिबिल कल्चरल हेरिटेज' का दर्जा दिया है, इससे भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संदेश पूरी दुनिया तक पहुंचेगा। राजभवन में यूपी टूरिज्म की टैगलाइन-'यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा' का अनावरण किया गया तथा ओएसटीएस पोर्टल का भी शुभारम्भ किया गया।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुम्भ को यूनेस्को की पहचान मिलने से दुनिया को भारत की संस्कृति और आध्यात्मिक आस्था को समझने में और ज्यादा आसानी होगी। उन्होंने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि राज्य सरकार प्रयाग कुम्भ को सफल बनाने और यहां के पर्यटन को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के सतत प्रयास कर रही है, इसके दृष्टिगत ही कुम्भ मेला प्राधिकरण की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आगमन की प्रत्याशा में सरकार तैयारियां उच्चस्तर की होनी चाहिएं, ताकि किसी को भी कोई कठिनाई न हो। उन्होंने अपनी शुभकामनाओं के साथ आशा व्यक्त की कि सरकार के शानदार प्रबंधों से प्रयाग कुम्भ-2019 अत्यंत सफल आयोजन कहलाएगा और इससे उत्तर प्रदेश की और ज्यादा ख्याति बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस अवसर पर कहा कि कुम्भ-2019 को दुनियाभर में 'यूनीक ईवेंट' के रूपमें प्रस्तुत करने और इसके प्रचार-प्रसार के लिए सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण कार्ययोजना है। उन्होंने कहा कि प्रयाग कुम्भ-2019 के 'लोगो' के लॉंच होने से कुंभ से श्रद्धालुओं को जोड़ने और जुड़ने में आसानी होगी, साथ ही पोर्टल से उन्हें पर्यटन संबंधी सभी प्रकार की आवश्यक सूचनाएं आसानी से मिल सकेंगी। उन्होंने कुम्भ को यूनेस्को की मान्यता मिलने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के अभिनव प्रयासों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से धन्यवाद दिया और कहा कि ऐसा उनके अथक प्रयासों से ही सम्भव हो सका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयाग कुम्भ को पूरी भव्यता और दिव्यता से आयोजित करने का अवसर उत्तर प्रदेश को मिला है और राज्य सरकार इसमें कोई कमी नहीं आने देगी।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में कुम्भ के संगम तट पर आयोजन का बड़ा ही ऐतिहासिक महत्व है, जहां स्नान करने पर श्रद्धालु स्वयं को धन्य मानते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार कुम्भ-2019 की सफलता के लिए इसकी ब्रांडिंग कर रही है। उन्होंने कहा कि कुम्भ-2019 में लगभग 12 करोड़ श्रद्धालुओं के संगम नगरी में आगमन का अनुमान है, ऐसे में उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है और इस दिशा में सारे प्रयास किये जा रहे हैं, शासन और प्रशासन इस महत्वपूर्ण आयोजन को सफल बनाने में लगा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुम्भ के 'लोगो' का सभी जगह इस्तेमाल किया जाएगा, इसी प्रकार पर्यटन विभाग का पोर्टल पर्यटकों का पूर्ण मार्गदर्शन करेगा, पर्यटकों की सुविधा के लिए पर्यटक पुलिस का गठन किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि कुम्भ ही ऐसा आयोजन है, जिसमें करोड़ों लोग प्रचलित मान्यताओं, आस्थाओं के साथ शांतिपूर्ण ढंग से एकत्रित होकर अपने आध्यात्मिक उद्देश्यों को प्राप्त करते हैं। उन्होंने भी कहा कि राज्य सरकार कुम्भ-2019 की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग करेगी। उन्होंने उत्तर प्रदेश को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर परिलक्षित करने का संकल्प व्यक्त किया। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश अवस्थी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है और प्रयाग कुंभ मेला इसमें विशेष रूपसे उल्लेखनीय है। उन्होंने कहा कि प्रयाग कुंभ की गणना विश्व के विशालतम श्रद्धा समागम के रूप में होती है, जिससे कुम्भ के आयोजन की रूपरेखा तैयार करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही है। इस अवसर पर राज्य सरकार के और भी मंत्रिगण, शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी तथा मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे।