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Thursday 14 March 2013 09:44:21 AM
नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष न्यायमूर्ति मार्कंडेय काटजू ने उचित योग्यता के अभाव की वजह से देश में समाचारों की गुणवत्ता प्रभावित होने की बात कहते हुए पत्रकार बनने के लिए जरूरी न्यूनतम योग्यता की सिफारिश करने के लिए एक समिति गठित की है। पीसीआई के सदस्य श्रवण गर्ग और राजीव सबादे के अलावा पुणे विश्वविद्यालय के संचार एवं पत्रकारिता विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ उज्ज्वला बर्वे को समिति में शामिल किया गया है। पीसीआई अध्यक्ष ने एक बयान में कहा कि पिछले कुछ समय से यह महसूस किया जा रहा था, कि पत्रकारिता के पेशे में आने के लिए कुछ न्यूनतम योग्यता तय होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति काटजू ने कहा कि वकालत के पेशे में एलएलबी की डिग्री के साथ बार काउंसिल में पंजीकरण जरूरी होता है। इसी तरह मेडिकल पेशे में एमबीबीएस होना जरूरी योग्यता है और साथ में मेडिकल काउंसिल में पंजीकरण भी कराना होता है। पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि शिक्षक बनने के लिए भी शैक्षणिक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र या डिग्री जरूरी होती है, बाकी पेशे में भी कुछ ऐसा ही होता है, लेकिन पत्रकारिता के पेशे में प्रवेश के लिए कोई योग्यता तय नहीं है, लिहाजा इस पेशे में अक्सर ऐसे लोग चले आते हैं, जिन्हें पत्रकारिता में बहुत कम या अपर्याप्त प्रशिक्षण मिला है। उन्होंने कहा कि केंद्र एवं सभी राज्य सरकारों तथा पत्रकारिता विभागों और संस्थानों से अनुरोध किया गया है कि वे समिति को पूरा सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि इससे नकारात्मक असर होता है, क्योंकि ऐसे अप्रशिक्षित लोग प्राय: पत्रकारिता के उच्च मानदंडों को बरकरार नहीं रखते, इसलिए पिछले कुछ समय से महसूस किया जा रहा था कि पत्रकारिता के पेशे में आने के लिए कानूनी तौर पर कोई योग्यता निर्धारित हो। उन्होंने कहा कि लोगों की जिंदगी पर मीडिया का बहुत अहम प्रभाव होता है और अब वक्त आ गया है कि जब कानून में कोई योग्यता तय हो, गठित समिति सभी पहलुओं पर विचार करेगी और जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगी, रिपोर्ट मिलने पर मैं उसे पूरी प्रेस परिषद के सामने रखूंगा और मंजूरी मिलने के बाद इसे सरकार के पास भेजूंगा, ताकि इस बाबत उचित कानून बने।