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Saturday 12 January 2019 05:28:11 PM
लखनऊ/ नई दिल्ली। सेवा त्याग और तपस्या के महापुरुष स्वामी विवेकानंद की देशभर में जयंती मनाई गई। मुख्य कार्यक्रम दिल्ली, कोलकाता और देश के सभी शहरों में हुए, जहां उनके देश और समाज के प्रति योगदान को श्रद्धापूर्वक और समारोहपूर्वक याद किया गया। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर अमीनाबाद के झंडेवाले पार्क में उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विधान परिषद के सदस्य रहे विंध्यवासिनी कुमार, नगरनिगम के अधिकारी और विशिष्टजन उपस्थित थे। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने वसुधैव कुटुम्बकम् के माध्यम से पूरे विश्व को एक परिवार का दर्शन दिया, शिकागो में स्वामी विवेकानंद का जनसमूह को संबोधन ‘भाईयों-बहनों’ कहकर शुरू हुआ था, जो दूसरों से अलग था, जिसके कारण लोग भारतीय ज्ञान और दर्शन के प्रति आकर्षित हुए।
राज्यपाल ने कहा कि भारत की विशेषता ज्ञान बांटने वाले देश की है, यदि देशवासी इस भूमिका में काम करें तो भारत बौद्धिक सम्पदा के आधार पर विश्वगुरू बन सकता है। राम नाईक ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने देश-दुनिया के लोगों को नई सोच और नई दिशा दी तथा देशवासियों में स्वाभिमान और राष्ट्रीय चेतना का संचार किया, भारतीय वेदांत, दर्शन और आध्यात्म पर समूचे विश्व के सामने अपने विचार रखे। राज्यपाल ने कहा कि शिकागो में विश्वधर्म परिषद में स्वामी विवेकानंद के उद्बोधन से भारत की एक विशेष छवि बनी, उनके व्याख्यान से यह सिद्ध हुआ कि भारतीय संस्कृति में सभी को समाहित करने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि स्वामीजी से प्रेरणा प्राप्त करके हमारे युवा उनके विचारों को आत्मसात करने का प्रयास करें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वामी विवेकानंद की जयंती पर विशेष रूपसे युवाओं को बधाई दी। उन्होंने स्वामी विवेकानंद के विश्व समुदाय के प्रति अतुलनीय योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक युवा सन्यासी के रूपमें भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता की महक विदेशों तक बिखेरी, वे साहित्य, दर्शन और इतिहास के प्रकांड विद्वान थे। मुख्यमंत्री ने युवाओं का स्वामी विवेकानंद के भाषणों एवं लेखन को अधिक से अधिक पढ़ने तथा उनके बताए हुए रास्ते पर चलने आह्वान किया है। करीब 25 वर्ष की आयु में सन्यास ग्रहण करने वाले स्वामी विवेकानंद का जन्म कोलकाता में 12 जनवरी 1863 को हुआ था। संत रामकृष्ण परमहंस के मुख्य शिष्य के रूपमें उन्होंने भारत के आध्यात्मिकता से परिपूर्ण दर्शन को विश्वजगत के समक्ष पूरी तार्किकता एवं अकाट्य प्रमाणों के साथ प्रस्तुत किया, जिसका दुनिया लोहा मानती है।
नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वामी विवेकानंद की जयंती पर उनके ओजस्वी शब्दों और समृद्ध विचारों को स्मरण करते हुए कहा है कि स्वामी विवेकानंद ने सदैव सेवा और त्याग के आदर्शों पर जोर दिया है और युवा शक्ति में उनकी आस्था अटूट थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वामी विवेकानंद के विचार और आदर्श करोड़ों भारतीयों, विशेषकर युवाओं को प्रेरित और उत्साहित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि हम उनके विचारों से एक ऐसे भारत के निर्माण की प्रेरणा ग्रहण करें, जो दृढ़, जीवंत, समावेशी और कई क्षेत्रों में वैश्विक नेतृत्व की क्षमता रखते हों। स्वामी विवेकानंद की जयंती देश में राष्ट्रीय युवा दिवस के रूपमें मनाई जाती है। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने मुचिंताल हैदराबाद में स्वर्ण भारत ट्रस्ट में युवाओं के साथ कार्यक्रम में भाग लिया और स्वामी विवेकानंद के देश समाज और शिक्षा में अनुकरणीय योगदान का उल्लेख किया।