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Thursday 17 January 2019 04:16:15 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने संरक्षण क्षमता महोत्सव ‘सक्षम 2019’ का इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उद्घाटन किया, जिसका आयोजन पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय भारत सरकार के अंतर्गत पेट्रोलियम कंजरवेशन एंड रिसर्च एसोसिएशन तथा तेल एवं गैस सार्वजनिक उपक्रमों ने तेल एवं गैस उत्पादों के संरक्षण एवं समुचित उपयोग के लिए जनमानस में जागरुकता के उद्देश्य से किया था। कार्यक्रम में इंडियन ऑयल कारपोरेशन के कार्यकारी निदेशक अरुण कुमार गंजू, हिंदुस्तान पेट्रोलियम लिमिटेड के अनुज कुमार जैन, गैस अथारिटी ऑफ इंडिया के आरके दास, भारत पेट्रोलियम लिमिटेड के श्रीरमन मलिक, तेल कंपनियों के प्रतिनिधि और विद्यार्थी भी उपस्थित थे। राज्यपाल ने इस अवसर पर पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण की शपथ दिलाई तथा जागरुकता रैली में भाग लेने वाले विद्यालयों के प्रतिनिधियों को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। सक्षम 2019 के अंतर्गत विद्यार्थियों ने पोस्टर, बैनर, क्विज, चित्रकला, निबंध प्रतियोगिता के माध्यम से पेट्रोलियम उत्पादों के संरक्षण के लिए समाज को जागरुक किया।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि विकास के लिए ऊर्जा आवश्यक है, लेकिन ऊर्जा के सही प्रयोग और संरक्षण पर ही आनेवाले कल का विकास टिका हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी का यह दायित्व है कि ऊर्जा के विभिन्न विकल्पों का सही प्रयोग करें और इसके संरक्षण के प्रति हर संभव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि देश की तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था में पेट्रोलियम उत्पाद अत्यंत आवश्यक हैं, इनका अपव्यय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक संसाधन सीमित हैं, इसलिए उनके संरक्षण के प्रति जागरुकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर जनता को ज्यादा से ज्यादा जागरुक किया जाना चाहिए। राम नाईक ने कहा कि जैसे पानी जीवन के लिए महत्वपूर्ण है उसी तरह पेट्रोल को भी बचाने की आवश्यकता है, छोटी-छोटी बातों का ख्याल करके पेट्रोलियम बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बढ़ते हुए प्रदूषण को ध्यान में रखकर अन्य ऊर्जा के स्रोत पर विचार करने की आवश्यकता है, पेट्रोलियम पदार्थ की बचत के लिए लोगों के सामने व्यावहारिक उपाय सुझाने होंगे।
राज्यपाल ने कहा कि अपने परिवार में आना सबको अच्छा लगता है, मैं भी एक समय में पेट्रोलियम मंत्री के नाते पेट्रोलियम मंत्रालय से जुड़ा रहा हूं। उन्होंने कहा कि 30 दिन तक चलने वाला सक्षम महोत्सव वास्तव में पेट्रोलियम विभाग का कुम्भ महोत्सव जैसा आयोजन है। राज्यपाल ने बताया कि वर्ष 2004 में जब वे पेट्रोलियम मंत्री थे, तब देश में 70 प्रतिशत पेट्रोलियम आयात होता था, जिसका सीधा असर देश की अर्थव्यवस्था पर पड़ता था, आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उनके कार्यकाल में पेट्रोल में 5 प्रतिशत इथनॉल मिश्रित करने का निर्णय लिया गया। राज्यपाल ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्री रहते हुए उन्होंने विदेशों में पेट्रोलियम क्षेत्र में निवेश का कठिन निर्णय लिया, जिसके सकारात्मक परिणाम आए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के स्तर से पेट्रोलियम के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास किए जा रहे हैं। कार्यक्रम में इंडियन ऑयल कारपोरेशन के कार्यकारी निदेशक अरुण कुमार गंजू ने स्वागत उद्बोधन दिया।