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Friday 12 April 2019 12:03:21 PM
चंडीगढ़। जलियांवाला बाग हत्याकांड की शताब्दी पर केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो चंडीगढ़ ने जलियांवाला बाग में तीन दिवसीय फोटो प्रदर्शनी लगाई है। इसे स्वतंत्रता संग्राम के बारे में फोटो प्रदर्शनी का नाम दिया गया है। इसमें जलियांवाला बाग हत्याकांड का वर्णन करने वाले चित्रों, अख़बार की कतरनों और लेखों से उद्धरणों को प्रदर्शित किया गया है। एक फोटो में 13 अप्रैल 1919 को मारे गए लोगों की याद में स्मारक बनाने के लिए इस बाग की भूमि का अधिग्रहण करने के लिए लोगों से दान देने की अपील करते हुए महात्मा गांधी और अन्य लोगों को दर्शाया गया है।
जलियांवाला बाग हत्याकांड की शताब्दी पर प्रदर्शनी में 1857 में भारत के पहले स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्रता हासिल करने तक की विभिन्न घटनाओं को प्रदर्शित किया गया है। एनआरआई सहित इस प्रदर्शनी को देखने वाले लोगों का कहना है कि ऐसी प्रदर्शनी न केवल ऐतिहासिक ज्ञान को बढ़ाती हैं, बल्कि आगंतुकों को उस काल में भी ले जाती हैं। प्रदर्शनी के साथ-साथ भारत के स्वतंत्रता संग्राम और जलियांवाला बाग के बारे में फिल्म्स डिवीजन और दूरदर्शन की लघु फिल्मों का भी जनता के लिए प्रदर्शन किया जा रहा है। गौरतलब है कि जालियांवाला बाग हत्याकांड भारत के पंजाब प्रांत के अमृतसर में स्वर्ण मंदिर के निकट जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को हुआ था। रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी, जिसमें एक अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियां चलवा दी थीं, जिसमें 400 से भी अधिक लोग मारे गए थे और 2000 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस घटना का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ा था।