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नई दिल्ली। मिस्र सरकार ने जनवरी 2009 में सूती धागे, सूती कपड़े और चीनी पर सीआईएफ का जो 25 प्रतिशत एहतियाती शुल्क लगा दिया था उसे मिस्र ने हटा लिया है जिसके लिए भारत ने मिस्र सराहना की है। उल्लेखनीय है कि मिस्र ने प्रति किलो सूती कपड़े पर न्यूनतम आधा डॉलर, और प्रतिकिलो संसाधित चीनी पर न्यूनतम एक डॉलर शुल्क लगाया था।
इसकी खबर मिलते ही भारत सरकार ने इस शुल्क को चुनौती दी, क्योंकि मिस्र ने विश्व व्यापार संगठन द्वारा अधिसूचित शुल्क से ज्यादा शुल्क लगाया था। भारतीय वाणिज्य मंत्रालय ने यह मसला मिस्र प्रशासन के सम्मुख उठाया था। उसने कहा कि कपास और मिश्रित धागे पर 5 प्रतिशत तथा कपास एवं मिश्रित बुने हुए कपड़े पर 10 प्रतिशत के निर्यात शुल्क से यह ज्यादा है। भारत सरकार की कोशिशों के फलस्वरूप मिस्र ने 8 अप्रैल 2009 को यह शुल्क हटा लिया।
कपास भारत के लिए प्रमुख निर्यातक जींस है वहीं मिस्र में आयातक वस्तुओं में इसका स्थान प्रथम है। मिस्र के इस 25 प्रतिशत एहतियाती शुल्क से भारत के कपास निर्यात क्षेत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता था।