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काठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री गिरिजा प्रसाद कोइराला नही रहे। उन्होंने नेपाल में राणाशाही और राजशाही की समाप्ति और लोकतंत्र की स्थापना के आन्दोलनों की अगुवाई की थी। नेपाल में लोकतंत्र की बहाली के आंदोलन को समाजवादी आंदोलन के महानायक डॉ राम मनोहर लोहिया ने भी गति दी थी। भारत के साथ गिरिजा प्रसाद कोइराला के निकट संबंध थे। नेपाल के चार बार प्रधानमंत्री रहे कोइराला आधुनिक नेपाल के निर्माता के रूप में याद किए जाएंगे।
संकट की हर घड़ी में नेपाल के सभी लोग उनकी ओर आशाभरी निगाहों से देखते थे। माओवादी आंदोलन में भी उनकी शांतिपरक भूमिका की सबने सराहना की थी। यह श्रेय कोइराला को ही जाता है कि उन्होंने नेपाल को गृह युद्ध और विघटन से बचा लिया। कोइराला ने भारतीय नेतृत्व के साथ उसके विदेश नीति के मामले पर हमेशा भारत का साथ दिया। वह ऐसे नेता के रूप में स्थापित हुए जिनकी कि माओवादियों की अग्रिम पंक्ति के नेताओं में भी मान्यता थी।
भारत की राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, भाजपा के नेता लालकृष्ण आडवाणी, नेपाल के राष्ट्रपति रामबरन यादव, प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचण्ड और कई राष्ट्राध्यक्षों, राजनयिकों ने कोइराला के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। भारत के पूर्व रक्षा मंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने नेपाल की उप प्रधानमंत्री, विदेशमंत्री और कोइराला की बेटी सुजाता कोइराला को अपना संदेश भेजकर शोक संवेदना व्यक्त की है।