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कोयंबत्तूर में हिंदी के दिग्गजों का मेला

चार अक्टूबर को राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी

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कोयंबत्तूर। कोयंबत्तूर, जिसका संक्षिप्त नाम कोवै भी है, तमिलनाडु का दूसरा खूबसूरत और एक बड़ा नगर है। सुहावना मौसम और महकती हुई मोगरे की खुशबू यहां के वातावरण को और ज्यादा हसीन बनाती है। नोय्यल नदी के किनारे और सिरुवाणी बांध पश्चमी पर्वतीय प्रदेश के पास वस्त्र इंजीनियरी, ऑटोमोबाइल उद्योग और चिकित्सा सेवाओं का भी केंद्र है कोयंबत्तूर। इसे मेनचेस्टर ऑफ साउथ इंडिया भी कहा जाता है। सदियों से मंदिरों से घिरा यह शहर शिक्षा का प्रधान केंद्र रहा है और अपनी सदाबहार समृद्धशाली संस्कृति का महान उदाहरण है। यहां के कई औद्योगिक एवं प्रौद्योगिक कारखाने भी विश्वविख्यात हैं। इसी शहर में 4 अक्टूबर को एक दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी होगी जिसमें हिंदी भाषा के दिग्गज मौजूद होंगे।

भारत के संविधान में राजभाषा और भारतीय जनमानस में राष्ट्रभाषा का दर्जा प्राप्त हिंदी भाषा का प्रचार-प्रसार एवं प्रयोग दक्षिण भारत में भारत की आज़ादी के पूर्व से ही होता रहा है। दक्षिण के आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल एवं पोंडिच्चेरी प्रदेशों में शैक्षिक, सामाजिक, साहित्यिक, आर्थिक, व्यावसायिक, वाणिज्यिक, औद्योगिक और प्रशासनिक क्षेत्रों के अलावा मीडिया एवं फिल्म क्षेत्रों में भी हिंदी के विस्तृत प्रचार-प्रसार के आलोक में समग्र स्थिति का जायज़ा लेने के लिए इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया है।

डॉ सी जय शंकर बाबु सदस्य सचिव नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कोयंबत्तूर और डॉ जीआर दामोदरन विज्ञान महाविद्यालय कोयंबत्तूर में विभागाध्यक्ष भाषाएं एवं सहायक प्रोफेसर- हिंदी सीआर राजश्री ने बताया कि संगोष्ठी का विषय है 'दक्षिण भारत में हिंदी की स्थिति गति एवं प्रगति' और इसके उप विषय हैं- दक्षिण भारत में हिंदी भाषा का प्रचार, दक्षिण भारत में शैक्षिक प्रशासनिक आदि क्षेत्र में हिंदी की स्थिति, दक्षिण भारत में हिंदी लेखन साहित्य एवं पत्रकारिता आंध्र, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल एवं पोंडिच्चेरी में हिंदी की स्थिति से संबंधित अन्य विषय। यह संगोष्ठी नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति कोयंबत्तूर के संयोजकत्तव में डॉ जीआर दामोदरन विज्ञान महाविद्यालय कोयंबत्तूर के सेमिनार हॉल में रखी गई है। संगोष्ठी में सभी क्षेत्रों में संबद्ध अधिकारी, विद्वान, अध्यापक, शोधार्थी, उद्योगपति, साहित्यकार और पत्रकार अपने मौलिक एवं शोधपरक आलेख प्रस्तुत कर सकते हैं। दक्षिण भारत में शैक्षिक प्रशासनिक आदि क्षेत्र में हिंदी के विषय प्रपत्र प्रस्तुतीकरण के लिए कुछ सुझाव इस प्रकार हैं-प्रपत्र ईमेल से माइक्रोसॉफ्ट वर्ड अथवा फाईल फार्मेट में 28 सितंबर 2010 तक tolicseminar@gmail.com और nationalhindiseminars@gmail.comपर भेजे जा सकते हैं।

कंप्यूटर पर यूनिकोड फोंट मंगल या एरियल में या फिर कृतिदेव फोंट का प्रयोग करके प्रपत्र तैयार किया जाना चाहिए। शीर्षकों के लिए 14 साइज़ का फोंट और शेष सामग्री के लिए 12 साइज़ फोंट का प्रयोग किया जाए। दो लाइन स्पेस में चारों ओर कम से कम एक मार्जिन सहित तैयार किया जाए और पृष्ठ के एक ही तरफ मुद्रित किया जाए। जो लोग अपने प्रपत्र को ईमेल से नहीं भेज पाते हैं वे स्पीड पोस्ट, कोरियर से प्रपत्र की मुद्रित प्रति ए-4 साइज़ में अथवा कंप्यूटर पर अक्षरांकित सामग्री की सीडी भी भेज सकते हैं। प्रपत्र का शीर्षक एवं सार प्रथम पृष्ठ पर शामिल किया जाए। प्रपत्र को इस क्रम में तैयार किया जाए-शीर्षक सार उप शीर्षक संदर्भ एवं परिशिष्ट। निर्धारित समय तक प्रपत्र की स्वीकृत की सूचना ईमेल वेबसाइट के माध्यम से दी जाएगी।

स्वीकृत प्रपत्र पर कापीराइट और आयोजन समिति के द्वारा प्रकाशित किए जाने वाले संकलन में प्रपत्र को संपादित कर प्रकाशित करने का अधिकार संपादक के पास रहेगा। यदि आवश्यक हो तो महत्वपूर्ण विषयों पर पावरपाइंट प्रस्तुतीकरण के लिए प्रोजेक्टर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। प्रपत्र प्रस्तुतकर्ता और अन्य सामान्य प्रतिभागियों को भी पंजीकरण फार्म भरकर 28 सितंबर 2010 तक प्रस्तुत करना जरूरी है। प्रपत्र प्रस्तुतीकरण एवं प्रतियोगिता के लिए कोई शुल्क देय नहीं है। प्रपत्र प्रस्तुतकर्ताओं और सामान्य प्रतिभागियों को स्वयं या अपने कार्यालय संस्थान की ओर से मार्ग व्यय की व्यवस्था करनी होगी। बाहर से पधारने वाले प्रतिभागी अपने रुकने, आवास की व्यवस्था भी स्वयं करेंगे।

संगोष्ठी में भाग लेने वालों की जानकारी के लिए कोयंबत्तूर और आसपास में दर्शनीय स्थान हैं-कोयंबत्तूर में मरुदमलै मुरुगन मंदिर, पेरूर पट्टीश्वरार मंदिर, कोवै कुट्रालम वाटर फाल्स, ईषा योगा मंदिर, ईचनारी गणेश मंदिर और पुलिय कुलम गणेश मंदिर। इसके अतिरिक्त कोयंबत्तूर के आस-पास ऊटी 85 किलोमीटर, कुन्नूर 70 किलोमीटर, वाल्पारै 80 किलोमीटर आदि पर्वतीय प्रांत और अविनाशी शिव मंदिर 30 किलोमीटर दूरी पर है। कोयंबत्तूर शहर के प्रमुख होटलों की सूची नराकास वेबसाइट www.toliccbe.blogspot.com पर उपलब्ध कराई जाएगी। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष- 0422.2240225 मोबाइल- 09843508506, 09843508506 ईमेल- tolicseminar@gmail.com, toliccbe@gmail.com, nationalhindiseminars@gmail.com, crrajashree@gmail.com, ajashree.cr@grd.edu.in पर संपर्क किया जा सकता है।

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