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भारतीय साहित्यकारों का मॉरीशस में साहित्यिक भ्रमण

हीरामन सिंह ठाकुर

मॉरीशस में राष्ट्रपति के यहां भारतीय साहित्यकार/mauritius president house

रायपुर। मॉरीशस के राष्ट्रपति अनिरूद्ध जगन्नाथ ने भारत में छत्तीसगढ़ की साहित्यिक संस्था सृजन सम्मान के विश्वभर में हिंदी के प्रचार-प्रसार, साहित्यकारों के सम्मान को हिंदी की बड़ी सेवा बताते हुए संस्था की मुक्त कंठ से प्रशंसा की है और कहा है कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषाओं में सम्मिलित करने का यह एक प्रयास है। राष्ट्रपति जगन्नाथ ने ये विचार मॉरीशस में उनके साथ आयोजित 'सृजन सम्मान' की बैठक में व्यक्त किए। संस्था के राष्ट्रीय महासचिव एवं यात्रा संयोजक जयप्रकाश मानस एवं एचएस ठाकुर के नेतृत्व में साहित्यिक भ्रमण पर मॉरीशस पहुंचे यात्रा समूह के सदस्यों के साथ इस बैठक में मॉरीशस के हिंदी प्रेमी राष्ट्रपति ने संस्था के कार्यों पर प्रसन्नता व्यक्त की और मॉरीशस की अर्थव्यवस्था, उपलब्ध सुविधाओं के मॉरीशस के विकास में योगदान पर विचार विनिमय किया। इस अवसर पर मॉरीशस की प्रथम महिला सरोजनी जगन्नाथ भी उपस्थित थीं।

जयप्रकाश मानस ने हिंदी पुस्तकें भेंटकर राष्ट्रपति का स्वागत किया और व्यस्तता के बावजूद भारतीय साहित्यकारों के दल को समय देने के लिए राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त किया। संस्था के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए मानस कहा कि संस्था के माध्यम से मॉरीशस में द्वितीय हिंदी सम्मेलन का आयोजन किया गया। गतवर्ष पहला अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन थाईलैंड में किया गया था। हिंदी दिवस के अवसर पर मॉरीशस के सात वरिष्ठ साहित्यकारों का सम्मान भी किया गया। उन्होंने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि हिंदी को संयुक्त राष्ट्र संघ की भाषाओं में सम्मिलित किए जाने का उनकी संस्था का प्रयास जारी है, इस सिलसिले में अगले साल इंडोनेशिया (बाली) में तृतीय अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य सम्मेलन करने का निर्णय लिया गया है।

छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का एक पत्र एवं बस्तर के कलाकारों की बनाई धातु शिल्प भी राष्ट्रपति को सौंपी गई। इसके अलावा अनेक साहित्यकारों ने अपनी पुस्तकें तथा फ़िलाटेलिक सोसायटी ऑफ इंडिया की छत्तीसगढ़ इकाई की ओर से भारत के साहित्यकारों और अगले माह भारत में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों पर केन्द्रित भारतीय डाक टिकटों के दो एलबम उन्हें भेंट किए गए। राष्ट्रपति के साथ सदस्यों का एक फ़ोटो सत्र भी हुआ जिसमें प्रथम महिला एवं बड़ी संख्या में मॉरीशस के शिक्षाविद और साहित्यकार सम्मिलित थे। राष्ट्रपति भवन की ओर से सदस्यों के लिए स्वल्पाहार का आयोजन भी किया गया था। संस्था का हिंदी दिवस के अवसर पर यह मॉरीशस में साहित्यिक, सांस्कृतिक पर्यटन अध्ययन कार्यक्रम था जिसमें देशभर के 61 सदस्यों ने भाग लिया। मॉरीशस भ्रमण के दौरान वहां की सांस्कृतिक प्रतिष्ठान हिंदी स्पीकिंग यूनियन ने हिंदी दिवस पर हिंदी का संसार एवं संसार की हिंदी विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया था। प्रथम सत्र के मुख्य अतिथि थे हिंदी के वरिष्ठ उपन्यासकार अभिमन्यु अनत और संगोष्ठी की अध्यक्षता की जयप्रकाश मानस ने। द्वितीय सत्र में कृतियों का विमोचन एवं मॉरीशस के साहित्यकारों का अंलकरण कार्यक्रम आयोजित था। इस सत्र के मुख्य अतिथि थे- मॉरीशस के संस्कृति एवं कला मंत्री मुखेश्वर शोन्नी।

सृजन-सम्मान ने वहां के सात वरिष्ठ साहित्यकारों को सृजन-श्री अंलकरण से अलंकृत किया। सम्मानित साहित्यकारों को शॉल, श्रीफल, प्रतीक चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र भेंट किया गया। उपन्यास के लिए मॉरीशस के अभिमन्यु अनत, कहानी के लिए प्रकारेश धुरंधर, नाटक के लिए महेश राम जीयावन, कविता के लिए पूजा नंद नेमा, महिला विमर्श के लिए भानुमति नागदान, हिंदी सेवा के लिए स्वर्गीय मुनेश्वर लाल चिन्तामणि के अलावा महात्मा गांधी संस्थान के वरिष्ठ व्याख्याता एवं कार्यक्रम के संयोजक विनय गोदारी को सृजनश्री सम्मान से विभूषित किया गया। संगोष्ठी में भारत से मॉरीशस पहुंचे अनेक साहित्यकारों की पुस्तकों, पत्रिकाओं एवं गीतों के कैसेटों का विमोचन भी किया गया। सदस्यों ने महात्मा गांधी संस्थान का भ्रमण किया। संस्थान के विभागाध्यक्ष एवं अन्य प्राध्यापकों ने प्रतिष्ठान की गतिविधियों की जानकारी दी, साथ ही प्रतिष्ठान के हिंदी प्रचार अभियान के अंतर्गत नुक्कड़ नाटक का अवलोकन किया।

सांस्कृतिक अध्ययन दल में यात्रा संयोजक जयप्रकाश मानस एवं एचएस ठाकुर सहित छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति विभाग के संचालक राजीव श्रीवास्तव, राम पटवा, डॉ सुधीर शर्मा, डॉ जेआर सोनी, डॉ महेन्द्र ठाकुर, दीपक पाचपोर, सुरेश तिवारी, चेतन भारती, संजीव ठाकुर, डॉ निरुपमा शर्मा, डॉ सीमा श्रीवास्तव, लतिका भावे, शकुन्तला तरार, अरूणा चौहान, अरविन्द मिश्रा, कुमेश कुमार जैन, नागेन्द्र दुबे, टामन सिंह सोनवानी, पदमनी सिंह, अभिषेक सोनवानी, ललित गणवीर, गणवीर, जीएस बाम्बरा, आर बाम्बरा, प्रतापचंद पारख, सत्यपाल, श्रीकांत अग्रवाल, रमाकांत अग्रवाल, बिलासपुर के राजेश सोन्थलिया, रायगढ़ के सत्यदेव शर्मा, संजय तिवारी, उसत राम, भीखलाल पटेल, सुरेश पंडा, सुरेश छत्री, अर्जुन दास, देवानी, एमआर ठाकुर, समुन्द सिंह, मिश्री लाल पाण्डे, राजेश तिवारी, सरायपाली के मीनकेतन दास, नागपुर महाराष्ट्र के भाषाविद डॉ रामप्रकाश सक्सेना, हनुमन्त ठाकरे, नागेन्द्र अन्नाराव, रामदेव खुशहाल राव, बंडोपाद्ये यशवंत, नरेन्द्र दंडारे, उत्तराखण्ड नैनीताल के दिवाकर भट्ट, मध्यप्रदेश भोपाल केडीपी सक्सेना, मधु सक्सेना, प्रकाशचंद तापड़े, अरूणा तापड़े एवं सृजन-सम्मान के यात्रा-पार्टनर क्रियेटिव ट्रेव्हलर्स के प्रमुख विकास मल्होत्रा आदि सम्मिलित थे।

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