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Thursday 30 January 2020 12:25:45 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी ने एक कार्यक्रम में सीसीटीएनएस प्लेटफॉर्म पर पुलिस की नागरिक केंद्रित सेवाओं को लांच कर दिया है। राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के निदेशक रामफल पंवार ने बताया है कि गुमशुदा व्यक्ति की खोज तथा ‘जेनरेट व्हीकल एनओसी’ सेवाएं अब नागरिकों को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि अब अज्ञात पाए गए व्यक्ति की पहचान रहित मृतक की खोज राष्ट्रीय डाटाबेस से घर बैठे की जा सकती है, इससे गुमशुदा व्यक्तियों के परिजनों को दौड़धूप नहीं करनी पड़ेगी। उन्होंने बताया कि इसपर क्राइम तथा क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क प्रणाली में फोटो सहित सारे विवरण उपलब्ध होंगे और ऑनलाइन सेवाओं से गुमशुदा व्यक्तियों को खोजने एवं वाहनों का अनापत्ति प्रमाणपत्र ऑनलाइन प्राप्त करने में मदद मिलेगी। इन सेवाओं को digitalpolicecitizenservices.gov.in पोर्टल पर या वर्तमान डिजिटल पुलिस पोर्टल पर दिए गए लिंक से एक्सेस किया जा सकता है।
एनसीआरबी के निदेशक रामफल पंवार ने बताया कि अभी तक ऐसी सेवाएं राज्य नागरिक पोर्टलों के माध्यम से दी जा रही थीं और यह पहला मौका है जब केंद्रीय रूपसे ये सेवाएं लांच की गई हैं। उन्होंने बताया कि यूजर अनुकूल सर्च में नागरिक पोर्टल पर जाकर सर्च पर क्लिक करेंगे और यह प्रणाली देशभर के उपलब्ध राष्ट्रीय डाटाबेस में खोज करके फोटो तथा अन्य विवरणों के साथ तुरंत परिणाम दिखाएगी। निदेशक ने ‘जेनरेट व्हीकल एनओसी’ सेवा के बारे में कहा कि सेकंडहैंड खरीद से पहले नागरिक वाहन की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वे यह सूचना प्राप्त कर सकते हैं कि वाहन संदिग्ध है या पुलिस रिकॉर्ड से मुक्त है। मालिकाना हक के हस्तांतरण से पहले प्रासंगिक एनओसी डाउनलोड की जा सकती है। एनसीआरबी तथा साइबर पीस फाउंडेशन ने मिलकर सीसीटीएनएस हैकथन तथा साइबर चैलेंज 2020 डिजाइन किया है। इसका उद्देश्य जमीनी स्तरपर कानून लागू करने वाले कर्मियों की दक्षता और ज्ञान को बढ़ाना है। यह हैकथन सहभागियों की कुशलता और ज्ञान को बढ़ाएगा और उद्योग तथा शिक्षा जगत के साथ तालमेल करेगा।
एनसीआरबी तथा अमेरिका के लापता और शोषित बच्चों के राष्ट्रीय केंद्र (एनसीएमईसी) ने भारत से लापता और शोषित बच्चों की जानकारी प्राप्त करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। एनसीएमईसी अमेरिका की कांग्रेस का गैर लाभकारी संगठन है। गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक ने एनसीआरबी में साइबर टिपलाइन निगरानी सुविधा का उद्घाटन किया। पहले की तुलना में आज अपराध और प्रौद्योगिकी के बीच का चौराहा ज्यादा स्पष्ट दिख रहा है। डिजिटल प्रौद्योगिकी और इंटरनेट ने न केवल साइबर अपराध को बढ़ाया है, बल्कि ऐसे अपराधों को ज्यादा नाजुक भी बना दिया है, इसलिए कानून लागू करने वाली एजेंसियों के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल में दक्ष होना तथा अपराध की खोज, जांच और मुकाबले के लिए नवाचारी तौरतरीकों को अपनाना आवश्यक है। लगभग 25000 साइबर टिपलाइन रिपोर्ट प्राप्त की गई हैं और राज्यों तथा केंद्रशासित प्रदेशों से साझा की गई हैं, इनमें से 15 रिपोर्टें उच्च प्राथमिकता की हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार ने की।