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Thursday 30 January 2025 05:38:31 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल केसाथ गुजरात में नए आपराधिक कानूनों के कार्यांवयन पर समीक्षा बैठक में पुलिस, जेल, कोर्ट, अभियोजन और फॉरेंसिक से संबंधित नए प्रावधानों और वर्तमान स्थिति की समीक्षा की। गृहमंत्री ने नए आपराधिक कानूनों का विस्तार से वर्णन करते हुए कहाकि नए आपराधिक कानूनों की आत्मा, किसीभी मामले में एफआईआर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक तीन साल में न्याय दिलाने के प्रावधान में है। उन्होंने गुजरात सरकार की नए आपराधिक कानूनों के क्रियांवयन को लेकर अबतक किएगए कार्यों की सराहना करते हुए राज्य सरकार से 30 अप्रैल 2025 तक सभी कमिश्नरेट में नए कानूनों का शत-प्रतिशत कार्यांवयन सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री से इनकी मासिक, राज्य के गृहमंत्री पाक्षिक और मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) एवं महानिदेशक पुलिस स्तरपर साप्ताहिक समीक्षा करने को भी कहा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि गुजरात ने 10 वर्ष से अधिक सजा वाले मामलों में 92 प्रतिशत से अधिक चार्जशीट समय पर दाखिल करने का सराहनीय कार्य किया है। उन्होंने कहाकि बचे हुए मामलों में अधिनियम में कोर्ट से अनुमति लेने के प्रावधान के उपयोग को सुनश्चित करने की समीक्षा की जानी चाहिए। गृहमंत्री ने कहाकि गुजरात ने जीरो एफआईआर को शत-प्रतिशत एफआईआर में बदलने का प्रशंसनीय कार्य किया है। उन्होंने कहाकि ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें अपराध एवं अपराधी ट्रैकिंग नेटवर्क एवं सिस्टम के जरिए दो राज्यों केबीच एफआईआर ट्रांसफर किया जा सके, गुजरात को सीसीटीएनएस 2.0 को अपनाना चाहिए। नए कानूनों में इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य के प्रावधान पर गृहमंत्री ने कहाकि इसके उचित क्रियांवयन केलिए राज्य के गृह एवं स्वास्थ्य विभाग को बैठककर अस्पतालों से पोस्टमार्टम और अन्य मेडिकल रिपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक रूपसे प्राप्त करने पर जोर देना चाहिए। अमित शाह कहाकि ने जेलों, सरकारी अस्पतालों, बैंक, फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी इत्यादि परिसरों में वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिए साक्ष्य दर्ज करने के व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने कहाकि जेलों में हर न्यायालय केलिए एक वीडियो कॉंफ्रेंसिंग क्यूबिकल होनी चाहिए।
गृहमंत्री ने कहाकि पुलिस को पूछताछ केलिए हिरासत में रखे गए लोगों की जानकारी इलेक्ट्रॉनिक डैशबोर्ड पर प्रदान करनी चाहिए, साथही जब्ती सूची और अदालतों में भेजे जानेवाले मामलों की जानकारी भी डैशबोर्ड पर रखनी चाहिए। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को इन मामलों की निरंतर मॉनिटरिंग का निर्देश दिया। अमित शाह ने पुलिस थानों में नेटवर्क कनेक्टिविटी स्पीड को निर्धारित मानकों से 30 mbps अधिक करने को कहा। अमित शाह ने कहाकि राज्य सरकार को परिपत्र जारी कर यह सुनिश्चित करना चाहिएकि संगठित अपराध, आतंकवाद, मॉब लिंचिंग के प्रावधानों का दुरुपयोग न हो, इसके लिए उच्चस्तर के सख्त प्रावधान किए जाने चाहिएं। उन्होंने कहाकि भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में अनुपस्थिति में परीक्षण का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत भगोड़े अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में लंबे समय से देश से फरार आरोपित भगोड़ों के खिलाफ अनुपस्थिति में परीक्षण की शुरुआत की जानी चाहिए।
गृहमंत्री अमित शाह ने हर जिले में दो से अधिक फॉरेंसिक साइंस मोबाइल वैंस की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर जोर दिया। अमित शाह ने कहाकि गुजरात की फोरेंसिक क्राइम मैनेजर की पहल को अन्य राज्यों कोभी अपनाना चाहिए, लंबित फोरेंसिक मामलों को अभियान चलाकर खत्म करना चाहिए। उन्होंने फॉरेंसिक विशेषज्ञों की भर्ती पर जोर देते हुए फॉरेंसिक विभाग में खाली पदों पर भर्ती शीघ्र सुनिश्चित करने को कहा। गृहमंत्री ने कहाकि गुजरात उच्च न्यायालय ने 22 जनवरी 2025 को सभी अधीनस्थ न्यायालयों को ई-प्रोसेसेज जारी करने के निर्देश जारी किए हैं, जो एक अच्छी पहल है। उन्होंने कहाकि अन्य राज्यों में भी इसके लिए प्रयास किए जाने चाहिएं। अमित शाह ने डायरेक्टरेट ऑफ प्रॉसिक्यूशन में खाली पदों पर जल्द से जल्द भर्ती सुनिश्चित करने को कहा। गृहमंत्री ने कहाकि प्रशिक्षण में न्यायिक अधिकारियों को भी जोड़ा जाना चाहिए और ज्यूडिशियल अकैडमी से समन्वयकर प्रशिक्षण आयोजित किए जाने चाहिएं। समीक्षा बैठक में गुजरात के गृह राज्यमंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, गुजरात के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के महानिदेशक और केंद्रीय गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।