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Friday 24 January 2025 05:01:36 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज साउथ ब्लॉक नई दिल्ली में सेना के कार्यक्रम में 'युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली-संजय' को हरी झंडी दिखाई। यह युद्धक्षेत्र की पारदर्शिता और एक केंद्रीकृत वेब एप्लिकेशन के माध्यम से भविष्य के युद्धक्षेत्र में बदलाव करेगा, जो भारतीय कमांड, सेना मुख्यालय और सेना निर्णय प्रणाली को जानकारी प्रदान करेगी। संजय एक स्वचालित प्रणाली है, जो सभी जमीनी और हवाई युद्धक्षेत्र सेंसर से जानकारी को एकीकृत करती है, उनकी सत्यता की पुष्टि करने केलिए उन्हें संसाधित करती है, दोहराव को रोकती है और उन्हें सुरक्षित सेना डेटा नेटवर्क एवं सैटेलाइट संचार नेटवर्क पर युद्धक्षेत्र की निगरानी परिदृश्य बनाने केलिए संबद्ध करती है। गौरतलब हैकि युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली-संजय पहलीबार गणतंत्र दिवस परेड-2025 का हिस्सा होगा।
युद्धक्षेत्र निगरानी प्रणाली-संजय अत्याधुनिक सेंसर और अत्याधुनिक एनालिटिक्स से लैस है, यह लंबी भूमि सीमाओं की निगरानी करेगा, घुसपैठ को रोकेगा, अद्वितीय सटीकता केसाथ स्थितियों का आकलन करेगा और खुफिया, निगरानी और टोही में अहम भूमिका निभाएगा। यह कमांडरों को नेटवर्क केंद्रित वातावरण में पारंपरिक और उप पारंपरिक दोनों तरह के ऑपरेशन में काम करने में सक्षम बनाएगा। इसका समावेश भारतीय सेना में डेटा और नेटवर्क केंद्रितता की दिशामें एक बड़ी छलांग होगी। संजय को भारतीय सेना और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) ने स्वदेशी और संयुक्त रूपसे विकसित किया गया है। भारतीय सेना के 'प्रौद्योगिकी समावेश वर्ष' के अनुसरण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशामें एक अनुकूल पारिस्थितिकी प्रणाली बना रहा है।
भारतीय सेना के सभी परिचालन ब्रिगेड, डिवीजनों और कोर में मार्च से अक्टूबर 2025 तक तीन चरणों में इन प्रणालियों को शामिल कर लिया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने 2025 को 'सुधारों का वर्ष' घोषित किया है। संजय प्रणाली को 2402 करोड़ रुपये की लागत से खरीदें भारतीय श्रेणी केतहत विकसित किया गया है। इस अवसर पर रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल अनिल चौहान, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, सचिव रक्षा उत्पादन संजीव कुमार, बीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज जैन तथा रक्षा मंत्रालय और बीईएल के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।