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'महिला स्टार्टअप भी वैश्विक पहचान बना रहीं'

विकसित भारत को साकार करेंगी महिला उद्यमी-फिक्की एफएलओ

राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से मिला फिक्की एफएलओ प्रतिनिधिमंडल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 4 February 2025 04:39:29 PM

ficci flo delegation met minister of state jitendra singh

नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा हैकि भारत में महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप वैश्विक स्तरपर पहचान बना रहे हैं, यहां तककि अंतरिक्ष जैसे कठिन क्षेत्रों मेंभी देश की महिला केंद्रित परियोजनाओं को दुनियाभर में सराहा जा रहा है। उन्होंने भारत के सौर मिशन आदित्य एल 1 का उदाहरण दिया, जिसका नेतृत्व निगार शाजी ने किया है, जिन्हें इसरो की ‘सनी लेडी’ के रूपमें जाना जाता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि महिलाओं के नेतृत्व वाला विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन के एजेंडे की प्राथमिकता है, वोभी इस दृष्टिकोण केसाथ कि महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप आनेवाले वर्ष में भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करेंगे और हमारी महिला उद्यमियों में इस लक्ष्य को साकार करने की क्षमता है।
राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह वाईएफएलओ दिल्ली की अध्यक्ष डॉ पायल कनोडिया के नेतृत्व में उनसे मिलने आए फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री-लेडीज ऑर्गेनाइजेशन (फिक्की-एफएलओ) के एक प्रतिनिधिमंडल से बात कर रहे थे। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक नवाचार की दौड़ में भारतीय स्टार्टअप्स के अग्रणी होने का दृष्टिकोण सामने रखा है, जिसमें महिला नेतृत्व वाले व्यवसाय सभी क्षेत्रोंमें सबसे आगे हों। उन्होंने कहाकि 2014 केबाद से महिला सशक्तिकरण को कई कल्याणकारी योजनाओं केसाथ एक व्यावहारिक अर्थ मिला है, जिसमें पीएम मुद्रा योजना, लखपति दीदी, ड्रोन दीदी और पीएम विश्वकर्मा योजना जैसी उद्यमिता को बढ़ावा देनेवाली योजनाएं शामिल हैं, जो बड़े पैमाने पर महिला कार्यबल को लाभांवित कर रही हैं। उन्होंने कहाकि महिला सशक्तिकरण में आए बड़े बदलावों ने हमारी महिलाओं को लंबे समय से चली आरही भागीदारी वाली भूमिका से हटकर जीवन के हरक्षेत्र और हर पेशे में तेजीसे नेतृत्व की भूमिका निभाने में सक्षम बनाया है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बतायाकि पीएम मुद्रा योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करनेवाले युवाओं में करीब 70 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो अपने लिए आजीविका कमाने केलिए खुदका साधन स्थापित कर रही हैं और दूसरों कोभी रोज़गार दे रही हैं। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण को साकार करने केलिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने केलिए कहा, साथही बतायाकि सरकार ने युवा महिलाओं सहित अपनी युवा आबादी की क्षमता निर्माण को बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने बतायाकि पीएम विश्वकर्मा के लॉंच केसाथ भारत की विशिष्ट संपत्ति, पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को मुख्यधारा में लाया गया है, पारंपरिक कारीगर और शिल्पकार, भारतीय समाज के अभिन्न अंग हैं, जिन्होंने देश की सदियों पुरानी परंपराओं और शिल्प को जीवित रखा है। उन्होंने कहाकि योजना केतहत सरकार न केवल लाभार्थियों को मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान कर रही है, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण अवधि के दौरान वजीफा भी दे रही है, ताकि कारीगरों और शिल्पकारों के माता-पिता पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े। उन्होंने कहाकि भारतीय परंपरा की सर्वोत्तम विशेषताओं को आधुनिकता से जोड़कर रोज़गार के अवसर प्रदान करने केलिए कई क्रांतिकारी कदम उठाए गए हैं।

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