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Friday 24 January 2025 12:24:45 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान और प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने भारत की वैज्ञानिक क्षमताओं और नीली अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशामें एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस संदर्भ में उन्होंने घोषणा करते हुए कहा हैकि देश इस साल अपना पहला मानव अंडरवाटर वाहन (डीप-सी मैनड व्हीकल) लॉंच करेगा। डीप ओशन मिशन पर मिशन संचालन समिति की दूसरी बैठक में डॉ जितेंद्र सिंह ने इसकी अभूतपूर्व प्रकृति के बारेमें बताया, जिससे भारत को ऐसे महत्वाकांक्षी प्रयास को शुरू करने केलिए तकनीकी क्षमता वाले छह देशों के चुनिंदा समूह में शामिल का अवसर मिला है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि शुरुआती पनडुब्बी 500 मीटर की गहराई पर काम करेगी और अगले साल तक 6000 मीटर की आश्चर्यजनक गहराई तक पहुंचने का लक्ष्य है। यह उपलब्धि भारत के अन्य ऐतिहासिक मिशनों की समयसीमा केसाथ तालमेल रखेगी, इसमें गगनयान अंतरिक्ष मिशन भी शामिल है, जो वैज्ञानिक उत्कृष्टता की ओर देशकी यात्रा में एक सुखद संयोग को दर्शाता है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं और अज्ञात समुद्री जैव विविधता सहित बृहद संसाधनों को खोलने की इसकी क्षमता को चिंहित किया, जो देश की आर्थिक वृद्धि और पर्यावरणीय स्थिरता केलिए महत्वपूर्ण हैं। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहाकि डीप ओशन मिशन के माध्यम से हम न केवल अपने महासागरों की गहराई का पता लगा रहे हैं, बल्कि एक मजबूत नीली अर्थव्यवस्था का निर्माण भी कर रहे हैं, जो भारत के भविष्य को समृद्ध करेगी। उन्होंने कहाकि डीप ओशन मिशन स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, इसे पूरी तरह से भारत में विकसित और निर्मित किया गया है, जो अत्याधुनिक विज्ञान में देशकी आत्मनिर्भरता को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि मिशन का उद्देश्य गहरे समुद्र के इकोसिस्टम की समझ को बढ़ाना है, जिससे टिकाऊ मत्स्यपालन और जैवविविधता संरक्षण में योगदान मिल सके, पानी के नीचे की इन संपदाओं का दोहन करके, भारत अपनी अर्थव्यवस्था, वैज्ञानिक समुदाय और पर्यावरणीय लचीलेपन केलिए दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने केलिए तैयार है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने आशा व्यक्त करते हुए इसे भारत के दृढ़ संकल्प और नवोन्मेषी भावना का प्रमाण बताया। उन्होंने आनेवाले वर्षों की अनूठी उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें एक भारतीय अंतरिक्ष की यात्रा कर रहा है और दूसरा समुद्र की गहराई में जा रहा है, जो अंतरिक्ष और समुद्री अन्वेषण दोनों में देश की अद्वितीय प्रगति को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि मानवयुक्त डीप ओशन मिशन सतत विकास और वैज्ञानिक खोज केलिए आशा की किरण है तथा एक ऐसे भविष्य का मार्ग प्रशस्त करता है, जहां महासागर की क्षमता का जिम्मेदारीपूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाएगा। बैठक में वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी, रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के बेरी, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रोफेसर अजय कुमार सूद, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ एम रविचंद्रन और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों जैसे प्रतिष्ठित हस्तियों ने भाग लिया।