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Thursday 21 April 2022 06:33:17 PM
मुंबई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज मुंबई के पेडर रोड पर फिल्म डिवीजन परिसर में भारतीय सिनेमा के राष्ट्रीय संग्रहालय का दौरा किया। संग्रहालय दो भवनों में फैला हुआ है-19वीं शताब्दी की विरासत संरचना गुलशन महल और कस्टम निर्मित नया संग्रहालय भवन-दोनों भवनों ने मंत्री का ध्यान आकर्षित किया। संग्रहालय को देखने केबाद अनुराग ठाकुर ने कहाकि फिल्मों में विशेष रूपसे भारतीय फिल्मों में रुचि रखने वालों को भारतीय सिनेमा का राष्ट्रीय संग्रहालय देखने जरूर आना चाहिए, यदि आप मुंबई में हैं और एनएमआईसी नहीं जाते हैं तो आपकी मुंबई यात्रा अधूरी रहेगी। अनुराग ठाकुर ने भारतीय सिनेमा का इतिहास एवं उसके क्रमिक विकास की जानकारी हासिल करने केलिए फिल्मों में बहुत ज्यादा दिलचस्पी रखने वालों और देशभर के फिल्म प्रेमियों को एनएमआईसी का दौरा करने केलिए प्रोत्साहित किया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि यहां एनएमआईसी में कुछ समय बिताएं, संग्रहालय आपको 100 साल पीछे ले जाएगा, जब सिनेमा बिना किसी आधुनिक टेक्नोलॉजी या उपकरणों से बनाया जाता था। उन्होंने कहाकि आज हम एनिमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, ग्राफिक्स और गेमिंग, टेक्नोलॉजी के बारेमें बात करते हैं, लेकिन यहां हमें देखने को मिलेगाकि उन दिनों इनके अभाव में फिल्में कैसे बनती थीं और अबतक उन्होंने क्या प्रगति की है। सूचना और प्रसारण मंत्री ने उस समय के फिल्म निर्माताओं और तकनीशियों की परेशानियों की भी चर्चा की और कहाकि फिल्मों की शूटिंग करने के लिए वे किस प्रकार कठिन इलाकों में बड़े-बड़े कैमरे लेकर जाया करते थे। उन्होंने कहाकि टेक्नोलॉजी ने मानव जीवन और फिल्म बनाने को आसान बना दिया है। उन्होंने कहाकि गुलशन महल हेरिटेज बिल्डिंग में विभिन्न आकारों के आठ अलग-अलग हॉल में लगाई गई प्रदर्शनियों में भारतीय सिनेमा के मूक युग से नई लहर तकके इतिहास को दिखाया गया है, नए संग्रहालय भवन में ज्यादातर संवादात्मक प्रदर्शनी लगाई गई है।
फिल्म संपत्तियां, पुराने उपकरण, पोस्टर, महत्वपूर्ण फिल्मों की प्रतियां, प्रचार पत्रक, साउंड ट्रैक, ट्रेलर, ट्रांसपेरेंसी, पुरानी सिनेमा पत्रिकाएं, फिल्म निर्माण और वितरण आदिसे जुड़े आंकड़े व्यवस्थित तरीके से भारतीय सिनेमा के इतिहास को कालक्रम केसाथ प्रदर्शित करते हैं। फिल्म डिवीजन के महानिदेशक रवींद्र भाकर ने संग्रहालय का अवलोकन किया। सिनेमा की भूमिका के बारेमें बात करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहाकि भारतीय सिनेमा हमारे देश की सॉफ्ट पावर है, जोकि दुनियाभर में करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करता है। उन्होंने कहाकि मनोरंजन के जरिए भारतीय सिनेमा दुनियाभर में भारत की एक पहचान बनाने में कामयाब रहा है। उन्होंने कहाकि दुनिया में सबसे ज्यादा संख्या में फिल्में भारत में बनती हैं। परंपरा के अनुरूप उन्होंने एनएमआईसी के परिसर में एक पौधा भी लगाया और फिल्म डिवीजन, एनएमआईसी, केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड और एनएफडीसी के अधिकारियों केसाथ समीक्षा बैठक की। अत्याधुनिक ऑडिटोरियम से युक्त एनएमआईसी कॉम्प्लेक्स, मई में डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट और एनिमेशन फिल्मों के 17वें अंतर्राष्ट्रीय मुंबई फ़िल्म महोत्सव की मेजबानी करेगा। इससे पहले उन्होंने टाइम्स ग्रुप के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव का उद्घाटन किया और वहां मुख्य संबोधन दिया।