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कविता आत्मा का मौलिक संगीत-केके यादव

जोधपुर डाक विभाग के हिंदी पखवाड़े में कविता प्रतियोगिता

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 23 September 2015 09:03:36 AM

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जोधपुर। हिंदी पखवाड़ा के तहत डाक विभाग ने आज पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय के सभाकक्ष में कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया। राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में कहा कि कविता हमारे जीवन मूल्यों का प्रतिबिंब है, आत्मा का मौलिक व विशिष्ट संगीत है, जो मानव में संस्कार रोपती है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा संस्कार है, जो सभी को प्रदत्त है पर जरूरत है उसके खोजे जाने, महसूस करने और गढ़ने की, यही कारण है कि संवेदनाओं का प्रस्फुटन होते ही कविता स्वतः फूट पड़ती है।
हिंदी साहित्यकार के साथ एक कविकार भी कृष्‍ण कुमार यादव ने कहा कि काव्य-सृजन निरा कला कर्म या बौद्विक कवायद भर नहीं है, बल्कि यह अपने भीतर एक और बड़ी, लेकिन समानांतर दुनिया को समाए हुए है। उन्होंने कहा कि कविता स्वयं की व्याख्या भी करती है एवं बहुत कुछ अनकहा भी छोड़ देती है, इस अनकहे को ढूंढने की अभिलाषा ही एक कवि-मन को अन्य से अलग करती है। डाक निदेशक ने अपनी ही कविता के माध्यम से कविता की भूमिका को रेखांकित भी किया।
डाक विभाग के तमाम कार्मिक प्रतिभागियों ने भी कार्यक्रम में अपनी रचनाएं पेश कीं। इनमें सहायक डाक अधीक्षक पुखराज राठौड़, अनिल कौशिक, डाक निरीक्षक राजेंद्र भाटी, विनोद कुमार पुरोहित, रमेश चंद्र गुर्जर, नरेंद्र कुमार वर्मा इत्यादि ने कविताएं सुनाईं। राजेंद्र भाटी ने कारगिल का शहीद कविता सुनाकर लोगों को भावविभोर किया तो विनोद कुमार पुरोहित ने अध्यात्म पर याचना कविता सुनाई। अनिल कौशिक की कविता के पात्र पिता थे तो पुखराज राठौड़ ने महाराणा प्रताप की गाथा को जीवंत किया। कार्यक्रम का संचालन डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया और आभार प्रदर्शन राजेंद्र भाटी ने किया।

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