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Monday 14 October 2024 05:49:26 PM
नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रीय सुशासन केंद्र में सिविल सेवकों केलिए 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम केसाथ बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग केलिए बिम्सटेक देशों केसाथ मालदीव के सिविल सेवकों केलिए नौकरी के दौरान पहला प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो चुका है। यह दो सप्ताह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से 25 अक्टूबर-2024 तक मसूरी और नई दिल्ली में आयोजित किया जारहा है। कार्यक्रम में श्रीलंका, म्यांमार, नेपाल और भूटान सहित बिम्सटेक देशों के कुल 36 सिविल सेवक भाग ले रहे हैं। इसके अतिरिक्त मालदीव के 35 सिविल सेवक 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम में भाग लेरहे हैं। प्रतिभागी अपने देशोंके प्रमुख मंत्रालयों का प्रतिनिधित्व करनेवाले प्रभागीय सचिव, अपर जिला सचिव, उप मुख्य सचिव और सहायक आयुक्त, निदेशक, कार्यकारी अधिकारी के रूपमें कार्य कररहे हैं।
राष्ट्रीय सुशासन केंद्र के महानिदेशक और प्रशासनिक सुधार तथा लोक शिकायत विभाग के सचिव वी श्रीनिवास ने प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। वी श्रीनिवास ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रशासनिक सुधारों के उभरते परिदृश्य और डिजिटल प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका को संबोधित करके सिविल सेवकों के कौशल को बढ़ाने के कार्यक्रम के उद्देश्य पर बल दिया। उन्होंने कहाकि यह प्रशिक्षण नागरिक केंद्रित शासन मॉडल पर केंद्रित होगा, जिसका उद्देश्य सरकारी कार्यालयों और उनके द्वारा सेवा किए जानेवाले लोगों केबीच अंतर को समाप्त करना है, जिससे सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार उल्लेखनीय होगा। कार्यक्रम में एनसीजीजी के एसोसिएट प्रोफेसर और बिम्सटेक देशों के सिविल सेवकों केलिए नौकरी के दौरान पहले प्रशिक्षण कार्यक्रम के पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ एपी सिंह ने राष्ट्रीय सुशासन केंद्र और पिछले कुछ वर्ष में एनसीजीजी की प्रमुख उपलब्धियों के बारेमें विस्तृत जानकारी दी। डॉ बीएस बिष्ट एसोसिएट प्रोफेसर एनसीजीजी और मालदीव के सिविल सेवकों केलिए 34वें सीबीपी के पाठ्यक्रम समन्वयक ने कार्यक्रम की समीक्षा प्रस्तुत की।
एनसीजीजी प्रशिक्षण कार्यक्रम के दूसरे चरण में बिम्सटेक देशों और मालदीव के अधिकारी इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, स्मार्ट शहर परियोजना और आईटीडीए, देहरादून में स्मार्ट स्कूल, हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय विज्ञान केंद्र सहित प्रमुख संस्थानों और परियोजनाओं का दौरा करेंगे। वे मारुति उद्योग लिमिटेड और प्रतिष्ठित ताज महल का भी अवलोकन करेंगे। बिम्सटेक कार्यक्रम का समन्वयन डॉ एपी सिंह एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ एमके भंडारी संकाय और सह पाठ्यक्रम समन्वयक, संजय पंत प्रशिक्षण सहायक और मोनिशा बहुगुणा वाईपी कर रही हैं। एनसीजीजी के 34वें क्षमता निर्माण कार्यक्रम का समन्वय डॉ बीएस बिष्ट एसोसिएट प्रोफेसर और पाठ्यक्रम समन्वयक, डॉ संजीव शर्मा संकाय और सह पाठ्यक्रम समन्वयक, ब्रिजेश बिष्ट प्रशिक्षण सहायक एनसीजीजी केसाथ एनसीजीजी क्षमता निर्माण टीम कर रही है।