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Saturday 1 October 2016 06:43:23 AM
रुड़की। हिंदुस्तान के जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी आईआईटी रुड़की के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उपाधियां पाने वाले छात्र-छात्राओं को कैरियर टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि आगे बढ़ने के लिए सिर्फ भारत तक सीमित रहने की आवश्यकता नहीं है, अपितु बड़े लक्ष्य निर्धारित कर विश्वस्तर पर भागीदारी निभाने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों को सकारात्मक सोच विकसित करने के साथ फिजिकल, डिजिटल एवं बायोटेक्निकल के क्षेत्र में काम करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि बदले समय के साथ प्रौद्योगिकी में बदलाव लाने के लिए शोध पर भी फोकस करना जरूरी है। उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी विश्व में जाने-माने भारतीय उद्योगपतियों में एक हैं, जिन्होंने अपने पिताश्री के व्यवसाय को शीर्ष पर पहुंचाने में अनुकरणीय भूमिका निभाई है।
मुकेश अंबानी ने कहा कि साइंस, इंजीनियरिंग और टेक्नोलाजी का उद्यमिता से भी समन्वय बनाने की आवश्यकता आ गई है, क्योंकि सुपर इंटेलीजेंसी से ही हम वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अपनी धाक बनाए रखने में कामयाब हो सकते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के क्लीन इंडिया, मेकिंग इंडिया और डिजिटल इंडिया के विजन को पूरा करने में छात्रों से सहयोग देने की अपील की। उन्होंने चुनौतियों को अवसरों में बदलने का आह्वान किया और कहा कि आईआईटी रूड़की को उद्योगों से अपने संबंध बेहतर करने होंगे। उन्होंने कहा कि जल एवं पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में काम करने के व्यापक अवसर हैं, हमे सतत विकास के लिए भी विकास का नया माडल अपनाने की जरूरत है, आज देश को इस बात की जरूरत है कि लोग अधिक से अधिक प्रोडक्टिव हों।
आईआईटी रूड़की ने मुकेश अंबानी को डॉक्ट्रेट की मानद उपाधि भी दी। मुकेश अंबानी ने अपने संबोधन की शुरूआत पिताश्री और रिलायंस उद्योग के संस्थापक धीरूभाई अंबानी के भावपूर्ण स्मरण से की। उन्होंने कहा कि धीरूभाई अंबानी ने एक आम आदमी से उद्योगपति बनने का सफर तय किया और कामयाबी हासिल की। मानद उपाधि को पिताश्री को समर्पित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सपने को साकार करते हुए हम लो वर्ल्ड क्लास उद्यमी बन सके हैं। आईआईटी के चेयरमेन प्रोफेसर अशोक मिश्रा ने मुकेश अंबानी का स्वागत किया। आईआईटी निदेशक प्रोफेसर प्रदीप्तो बनर्जी ने संस्थान की ओर से अतिथियों का स्वागत किया और वार्षिक रिर्पोट प्रस्तुत की। उन्होंने रिर्पोट में संस्थान की योजनाओं और परियोजनाओं का खाका खींचा।
दीक्षांत समारोह में चार वैज्ञानिकों को उत्कृष्ट शोध कार्य के लिए पुरस्कार प्रदान किए गए, जिनमें आईआईटी दिल्ली के विद्युत इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर रंजन के मलिक को खोसला नेशनल अवार्ड के तहत सवा लाख रूपए का चेक, स्वर्ण पदक व प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। एएस आर्य आपदा निवारण पुरस्कार गुवाहाटी आईआईटी के प्रोफेसर सजल कांतिदेव को एक लाख रूपए नगद, प्रशस्ति पत्र व स्वर्ण पदक के साथ दिया गया। तीसरा पुरस्कार एक लाख रूपए पदक व प्रशस्ति पत्र के साथ डॉ श्रीश हरिसोनावने को दिया गया। चौथा गोपाल रंजन प्रौद्योगिकी पुरस्कार एक लाख रूपए पदक व प्रशस्ति पत्र के साथ एआईएनआईएल के निदेशक डॉ बीएन शर्मा को दिया गया। संस्थान के छात्र आशिक मोहम्मद को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक, प्रतीक जयकुमार कोसनीवाल को निदेशक स्वर्ण पदक, पल्लव अनिल को डॉ शंकर दयाल शर्मा स्वर्ण पदक व कुबेर दत्त शर्मा को डॉ जयकृष्णा स्वर्ण पदक दिया गया।