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Sunday 8 January 2017 03:04:32 AM
हैदराबाद। तिरुपति के वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय परिसर में 3 से 7 जनवरी तक 104वें ‘प्राइड ऑफ इंडिया साइंस एक्सपो-2017’ में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने हिस्सा लिया। पांच दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम का 104वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस-2017 के हिस्से के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था। इस बड़ी विज्ञान प्रदर्शनी में डीआरडीओ मंडप का उद्घाटन 3 जनवरी को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने किया था। उन्होंने इस दौरान डीआरडीओ के लगाए गए विभिन्न स्टॉलों का दौरा कर संगठन के विभिन्न उत्पादों एवं प्रौद्योगिकी में अपनी रुचि भी दिखाई।
विज्ञान प्रदर्शनी में ‘फ्रंटरियर ऑफ डिफेंस रिसर्च’ नाम से एक समापन सत्र का भी आयोजन किया गया। रक्षामंत्री के रक्षा सलाहकार और डीआरडीओ के महानिदेशक डॉ सतीश रेड्डी सत्र के संयोजक थे। सत्र में डीआरडीओ के प्रमुख वैज्ञानिकों, मुख्य नियंत्रक मानव संसाधन एवं प्रौद्योगिकी प्रबंधन के एमडी हफिजुर्रहमान, महानिदेशक माइक्रो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस एंड कंप्यूटेशनल सिस्टम डॉ जी अतिथन, महानिदेशक जीव विज्ञान डॉ शशिबाला सिंह और डीआरडीएल हैदराबाद के डॉ बीएस सुभाषचंद्रन ने विचार प्रस्तुत किए। प्रदर्शनी में डीआरडीओ की 40 प्रयोगशालाओं ने भाग लिया, जिसमें ‘मेक इन इंडिया’ की भावना को प्रदर्शित करती हुईं आत्मनिर्भरता और राष्ट्रीय गौरव की कहानियों का वर्णन किया गया।
आउटडोर उत्पादों की प्रदर्शनी में लंबी दूर तक जमीन से जमीन पर मार करने वाली अग्नि-5, आकाश शस्त्र प्रणाली, शौर्य मिसाइल ब्रह्मोस मिसाइल का मॉडल, दूर संवेदी प्रणाली से संचालित होनेवाला दक्ष रेाबोट मुख्य आकर्षण रहे। इनडोर उत्पादों की प्रदर्शनी में एईडब्ल्यू एंड सी, एलसीए तेजस, रुस्तम, यूएवी, उन्नत हल्के वजन का तापिडो, मल्टी मोड हैंडग्रेनेड, एनबीसी सूइट, एंटी माइन्स बूट, माइक्रो वेव पावर मोड्यूल, एस-बैंड एमएसएस टर्मिनल, इंटेग्रेटेड मल्टी फंक्शन साइट प्रीएंपटर सिस्टम, ऊष्मन तंत्र-बुखारी, अलोकल क्रीम, तैयार डिब्बाबंद भोजन, रस सहित अनेक जीव विज्ञान संबंधी उत्पाद भी शामिल थे। दर्शकों और छात्रों के बीच डीआरडीओ का मंडप आकर्षण का केंद्र था।