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Saturday 18 January 2020 05:05:49 PM
लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने मालवीय सभागार में लखनऊ विश्वविद्यालय के नए कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के स्वागत में एक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें लूटा के अध्यक्ष डॉ नीरज जैन ने कुलपति प्रोफेसर आलोक राय के नेतृत्व पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा कि इनके समय में शिक्षकों को उनका हक़ मिलेगा और जिस तरह लखनऊ विश्वविद्यालय देश को हर क्षेत्र में सुयोग्य कर्मी दे रहा है, आगे भी देता रहेगा। इस अवसर पर लूटा के महामंत्री डॉ विनीत कुमार वर्मा, पद्मश्री डॉ ब्रजेश शुक्ल, शिक्षकश्री सम्मानित डॉ पूनम टंडन तथा विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष भी मौजूद थे।
प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने अपने सम्मान के प्रति धन्यवाद देते हुए कहा कि लखनऊ विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त होना उनके लिए गर्व की बात है। उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय के शिक्षकों, छात्रों और शैक्षणिक वातावरण पर अपनी योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि उनका एकमात्र उद्देश्य विश्वविद्यालय के सभी विभागों की उत्तरोत्तर उन्नति है और यह उत्तम शिक्षा, शिक्षण और शोध से सम्भव होगा। उन्होंने विश्वविद्यालय के सौवें साल की शुरुआत को ध्यान में रखते हुए कहा कि यह समय इतिहास से सीखकर भविष्य को सुधारने के लिए वर्तमान को और ज्यादा बेहतर बनाने का है। कुलपति ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वे छात्रहित में हर दिन एक घंटा केवल छात्रों की समस्याओं का समाधान के लिए निकालें और इस बारे में सोचें की कैसे अलग-अलग छात्रवृत्तियां शुरू करके उनका मनोबल बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने घोषणा की कि लखनऊ विश्वविद्यालय के कार्बन फुटप्रिंट को ध्यान में रखते हुए इस 26 जनवरी को 2600 पौधे लगाए जाएंगे।
एलयू के कुलपति ने किसी भी शैक्षिक संस्थान में छात्र की भूमिका को लेकर कहा कि उनका अडिग विश्वास है कि केवल छात्र ही शिक्षक एवं शिक्षण का केंद्र होता है, इसीलिए हर शैक्षिक संस्थान में छात्र केंद्रित ढांचा होना अति आवश्यक है और इस तरफ पहला कदम सीबीसीएस के रूप में लिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आगे ऐसे कई और भी कदम उठाए जाएंगे, जिनमें यह ध्यान रखा जाएगा कि छात्र का हित सबसे अधिक सुरक्षित हो। कुलपति ने शिक्षकों के साथ सक्रिय सहयोग का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत हर विभाग एक ऐसे यूट्यूब चैनल के साथ कर सकता है, जिसमें विभाग में करवाए गए सभी आमंत्रित व्याख्यानों को रिकॉर्डिंग करके रखा जा सके, ताकि दुनियाभर में लखनऊ विश्वविद्यालय एक ब्रांड के रूपमें जाना जाए।
प्रोफेसर आलोक राय ने कहा कि इस तरीके के डिजिटाइजेशन से विश्वविद्यालय के हर काम में परिशुद्धता, तीव्रता और पारदर्शिता लाना उनका लक्ष्य है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए शिक्षकों से अनुग्रह किया कि वे यूडीआरसी में नामांकन करवाए और डिजिटल एलयू का हिस्सा बनें। कुलपति ने लखनऊ विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास और उत्कृष्ट अकादमिक रिकॉर्ड की बात करते हुए कहा कि पारंपरिक पाठ्यक्रम चलाने के बावजूद स्कोपस तथा वेब ऑफ़ साइंस जैसे उद्धरण सूचकांक में लखनऊ विश्वविद्यालय कई नामी केंद्रीय विश्वविद्यालयों से भी आगे है। उन्होंने कहा कि शिक्षक आने वाले समय में छात्रों को भी इसका भागीदार बनाएं। कुलपति ने कहा कि सभी शिक्षकों को उनका देय अवश्य मिलेगा, क्योंकि अदेयता अपराध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को एक सकारात्मक सोच के वातावरण का निर्माण करना पड़ेगा और अपने आपको रचनात्मक आलोचना के लिए तैयार करना पड़ेगा।