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Wednesday 17 March 2021 03:49:26 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिनलैंड की प्रधानमंत्री एचई सना मारिन ने एक वर्चुअल सम्मेलन में द्विपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। दोनों राजनेताओं ने कहा कि भारत और फिनलैंड के बीच घनिष्ठ संबंध, लोकतंत्र के साझा मूल्यों, कानून के शासन, समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित हैं। उन्होंने बहुलवाद, कानून आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए काम करने की अपनी मजबूत प्रतिबद्धता को फिरसे दोहराया।
भारत और फिनलैंड के राजनेताओं ने दोनों देशों के बीच चल रहे द्विपक्षीय कार्यों की समीक्षा की और इस बात की उम्मीद जताई कि दोनों देश व्यापार, निवेश, इन्नोवेशन, शिक्षा, नई तकनीकी जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, 5 जी/ 6 जी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग का और विस्तार करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ और ग्रीन प्रौद्योगिकी में फिनलैंड की अग्रणी भूमिका की सराहना की और फिनलैंड की कंपनियों को टिकाऊ विकास की दिशा में भारत के अभियान में सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने नवीकरणीय और जैव-ऊर्जा, टिकाऊ तकनीकी, शिक्षा, दवा और डिजिटलीकरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग का सुझाव दिया। दोनों राजनेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया, इनमें भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी, आर्कटिक क्षेत्र में सहयोग, विश्व व्यापार संगठन और संयुक्तराष्ट्र में सुधार जैसे मुद्दे शामिल थे।
भारत-फिनलैंड के राजनेताओं ने अफ्रीका में विकास संबंधी गतिविधियों में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड की भागीदारी की संभावनाएं जाहिर कीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिनलैंड को अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा प्रतिरोधक आधारभूत संरचना गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। दोनों राजनेताओं ने कोविड-19 की स्थिति और टीकाकरण अभियान पर भी बात की और सभी देशों में टीकों के लिए तत्काल और सस्ती पहुंच के लिए वैश्विक प्रयासों के महत्व पर जोर दिया। दोनों राजनेताओं ने पोर्टो में भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक और भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान एक बार फिरसे मिलने की प्रतिबद्धता जताई।