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Thursday 9 February 2017 03:46:07 AM
नई दिल्ली। भारतीय रेल का चेहरा रूपांतरित करने के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने भारतीय रेल नेटवर्क के 23 बड़े रेलवे स्टेशनों से जुड़े विश्व के सबसे बड़े स्टेशन पुर्नविकास कार्यक्रम का पहला चरण आरंभ किया। रेलीमंत्री सुरेश प्रभु ने इस मौके पर कहा कि रेल के पास कुछ विशिष्ट लाभ हैं, जिसमें से एक बड़े स्तर पर जमीन का स्वामित्व भी है। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन एक ऐसा स्थान होता है, जहां बहुत से लोग रेलगाड़ी पर चढ़ने के लिए प्रतीक्षा करते हैं और इसलिए रेलवे स्टेशनों को एक विशिष्ट संपत्ति के रूप में विकसित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रेलवे की संपत्तियों की एक अनूठी विशेषता होती है। उन्होंने बताया कि शहरी विकास मंत्रालय रेल मंत्रालय के सहयोग से स्मार्ट स्टेशनों का विकास कर रहा है, क्योंकि स्मार्ट स्टेशन एक स्मार्ट सिटी बनने की एक पूर्व शर्त हैं।
रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने कहा कि देश में 400 ए-1 एवं ए वर्ग स्टेशनों के पुर्नविकास की परियोजना सबसे बड़ा गैर किराया राजस्व सृजन का कार्यक्रम है, जिसे संबंधित जोनल रेलवे की संचालित एक उचित बोली प्रणाली के जरिए पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले चरण में 23 स्टेशनों की बोली लगाई जाएगी तथा अधिकतम उपयोग के लिए उनका पुर्नविकास किया जाएगा, जिससे कि यात्रियों को एक ही स्थान पर कई सारी सुविधाएं प्राप्त हो सकें। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी महाप्रबंधकों और डीआरएम को स्टेशनों के पुर्नविकास के लिए सरकार के साथ सहयोग करने का भी निर्देश दिया। रेलमंत्री एवं अन्य प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने कहा कि 10 वर्ष के लिए हमारे प्रयास की परिणति देखने को मिलेगी, जब हम सार्वजनिक निजी साझेदारी के जरिए पुर्नविकास के लिए स्टेशनों की पहली खेप लांच करेंगे।
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एके मित्तल ने कहा कि इस चरण के लिए इन स्टेशनों का चयन हमारे कार्यनीतिक सलाहकारों, द बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप के विस्तृत संभाव्यता अध्ययनों के बाद किया गया है। उन्होंने कहा कि रेलवे का लक्ष्य रेलवे की अतिरिक्त भूमि के व्यावसायिक विकास से सृजित अधिशेष राजस्व का उपयोग करते हुए रेल स्टेशनों का पुर्नविकास करना है। इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री कृष्णपाल गुर्जर, रेलवे बोर्ड के मेंबर इंजीनियरिंग आदित्य कुमार मित्तल, रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद एवं बोर्ड के सदस्य तथा गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।