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Sunday 5 March 2017 11:20:23 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में नवाचार महोत्सव के पहले दिन 9वें राष्ट्रीय द्विवार्षिक जमीनी स्तर पर नवाचार और उत्कृष्ट परंपरावादी ज्ञान पुरस्कार का वितरण किया। नवाचार महोत्सव सप्ताह भर चलेगा। इस मौके पर राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्विक आर्थिक व्यवस्था अभी कमजोर है और उभरती हुई आर्थिक व्यवस्था में भी औद्योगिक वृद्धि की प्रकृति बेरोजगारी पैदा करने वाली है। उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य में विकेंद्रीकृत, वितरित और विविध नवाचार पर आधारित उद्यम ही आने वाले दिनों की समस्याओं को हल करने का सर्वश्रेष्ठ रास्ता है। राष्ट्रपति ने कहा कि गांधीजी हमेशा आधुनिक विज्ञान और तकनीक के साथ सामुदायिक ज्ञान और संस्थाओं से तालमेल बैठाने के पक्षधर थे, इसलिए आज के संदर्भ में उनका संदेश बहुत ही प्रासंगिक हो गया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समावेशी नवाचार के साथ पारिस्थितिकी को समृद्ध बनाने के लिए निजी और सार्वजनिक प्रणाली को जमीनी नवाचार का प्रबल समर्थक बनाने की जरूरत है और इसे हमें न सिर्फ अपने देश के लिए करने की जरूरत है, बल्कि पूरे विश्व के लिए। उन्होंने कहा कि देश में अनुपम नवाचार पारिस्थितिकी का उभार भारत के लिए उपयुक्त साबित हो रहा है, इस दिशा में सरकार और सिविल सोसायटी ने कई कदम उठाए हैं और अभी अनेक कदम उठाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में जमीनी स्तर और समावेशी नवाचार की दिशा में समारोह की भावना पैदा करने के लिए राष्ट्रपति भवन में सप्ताह भर चलने वाली नवाचार प्रदर्शनी नवाचार महोत्सव बन गया है।
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक उत्सुकता की भावना को पैदा करना बहुत ही महत्वपूर्ण है, हमें उनकी जिज्ञासा और रचनात्मकता को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सबको उन्हें कुछ नया करने में मदद करनी चाहिए, देश स्टार्ट अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और स्वच्छ भारत जैसे पहलों का लाभ लेने के लिए तैयार है। राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार कर्मियों के विचार तभी वास्तविक बदलाव ला सकते हैं, जब हम और सभी संस्थाएं अपनी-अपनी भूमिका देश में संवेदनशीलता और सृजनशीलता के लिए मिलकर काम करेंगे।