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Tuesday 21 March 2017 04:54:17 AM
कोयंबटूर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा कोयंबटूर में हुई। तीन दिन तक चली यह प्रतिनिधिसभा 19 मार्च को शुरू हुई थी, जिसमें संघ सहित 40 विविध संगठनों के 11 क्षेत्र और 42 प्रांतों से 1400 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। सह सरकार्यवाह भाग्य्याजी ने इस मौके पर कहा कि इन 10 वर्ष से संघ का कार्य लगातार बढ़ रहा है, बल्कि और ज्यादा दृढ़ हो रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्राथमिक शिक्षा वर्ग में एक लाख युवाओं ने पूरे देश में भाग लिया था। उन्होंने बताया कि दूसरे वर्ष क्षेत्रीय वर्ग में करीब 4130 शिक्षार्थियों ने भाग लिया, नागपुर के तीसरे वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग में करीब 973 शिक्षार्थियों ने भाग लिया, इस प्रकार देशभर में आयोजित 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में 17500 शिक्षार्थी भाग ले चुके हैं। उन्होंने बताया कि करीब 57233 शाखाएं, 14896 साप्ताहिक मिलन और 8226 मासिक मंडली पूरे देश में चल रही हैं और स्वयंसेवक 19121 सेवा बस्तियों में सेवा कार्य संचालित कर रहे हैं।
सह सरकार्यवाह भाग्य्याजी ने अखिल भारतीय प्रतिनिधिसभा में एक प्रस्ताव पारित होने पर कहा कि बंगाल में हिंदुओं की स्थिति खतरनाक है, वहां हिंसा, लूट, हत्याएं, मुस्लिम तुष्टीकरण अपने चरम है। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी और पुलिस हिंदुओं एवं हिंदू त्योहारों पर हो रहे अत्याचारों पर मूकदर्शक बनी रहती है। उन्होंने हाल ही में पश्चिम बंगाल में धुलागढ़ और कालियाचक में हुए हमलों का उदाहरण रखा। उन्होंने कहा कि समाज को जागृत करने और सरकार को अपील करने के लिए पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज की स्थिति और कष्टों पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का शासन है और उनपर आरोप है कि वो मुसलमानों के समर्थन के लिए बंगाल में हिंदुओं का उत्पीड़न होते देख रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अनेक नेता और सामाजिक संगठन इसे लेकर ममता बनर्जी की आलोचना कर चुके हैं।