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नदी जोड़ो परियोजना के लिए केंद्र गंभीर

विश्‍व जल दिवस पर दिल्‍ली में हुई राष्ट्रीय संगो‍ष्‍ठी

उमा भारती ने किया जल के संरक्षण का आह्वान

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 23 March 2017 05:01:15 AM

world water day per national seminar

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा है कि आने वाले दिनों में देश के विकास में जल की भूमिका अति महत्‍वपूर्ण होगी। विश्‍व जल दिवस पर नई दिल्‍ली में केंद्रीय जल आयोग की ओर से आयोजित एक संगो‍ष्‍ठी में उन्‍होंने कहा कि नेपाल और बांग्‍लादेश जैसे पड़ोसी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में नदियों एवं जल की भूमिका और ज्यादा महत्‍वपूर्ण रहेगी। सीमावर्ती क्षेत्रों की नदियों का उल्‍लेख करते हुए उमा भारती ने कहा कि भारत सरकार इनके बारे में बहुत संवेदनशील है। उन्होंने विश्‍व जल दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जल, जीवन और मृत्‍यु दोनों का कारक है, यदि बाढ़ आए तो मृत्‍यु तथा सिंचाई में उपयोगी हो तो जीवन।
उमा भारती ने कहा कि सरकार नदी जोड़ो परियोजना के तहत देश की नदियों को आपस में जोड़कर देश में बाढ़ और सूखे की समस्‍या का स्‍थायी समाधान कर जल को जीवन का पर्याय बनाना चाहती है। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है। गौरतलब है कि नदियों को जोड़ने का बीड़ा अटल बिहारी बाजपेयी ने उठाया था, मगर इस परियोजना को उनके बाद की सरकार ने कभी भी गंभीरता से नहीं लिया। उमा भारती ने हाल ही में संसद में पेश किए गए अंतर्राज्यीय नदी जल विवाद विधेयक 2017 का उल्‍लेख करते हुए कहा कि यह विधेयक अन्‍य मंत्रालयों के लिए भी विवाद समाधान के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है। नमामी गंगे कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि इस काम में तकनीक के साथ-साथ जन भागीदारी भी महत्‍वपूर्ण है।
जल संगोष्‍ठी को केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण राज्‍यमंत्री विजय गोयल, जल मंत्रालय के सचिव डॉ अमरजीत सिंह और केंद्रीय जल आयोग के अध्‍यक्ष नरेंद्र कुमार ने भी संबोधित किया। 'दूषित जल-निगरानी और प्रबंधन' विषय पर हुई इस राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी में देशभर के विशेषज्ञों ने भाग लिया और कहा कि दुनियाभर में दूषित जल को शोधित कर प्रयोग किया जा रहा है। भारत में दूषित जल को शोधित कर फिर से उपयोग में लाने की संभावनाओं पर विशेषज्ञों ने संगो‍ष्‍ठी में अपने प्रपत्र प्रस्‍तुत किए। जल दिवस पर और कई जगह भी कार्यक्रम हुए,‌ जिनमें जनसाधारण से लेकर खास तक से अपील की गई कि पानी का सदुपयोग और संरक्षण करें। संगोष्ठियों में यह तथ्य भारी चिंता का विषय रहा कि जल संरक्षण पर उदासीनता देखी जा रही है।

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