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Wednesday 18 April 2018 06:37:21 PM
स्टॉकहोम/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टॉकहोम में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। उन्होंने स्वीडन में गर्मजोशी से भरे अपने स्वागत के लिए स्वीडन सरकार, विशेष रूपसे समारोह में उपस्थित स्वीडन के नरेश और स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि भारत आज बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार सबका साथ-सबका विकास के जनादेश पर चुनी गई है और इन चार वर्ष में उनकी सरकार ने एक विकसित और समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में कार्य किया है। उन्होंने कहा कि 2022 तक एक नया भारत बनाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस जैसी पहलों के जरिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि भारत एक बार फिर विश्व के नेतृत्वकर्ता के रूपमें उभरे। उन्होंने कहा कि विश्व भारत की ओर विश्वास के साथ देख रहा है, इस संदर्भ में उन्होंने मानवीय सहायता एवं बचाव प्रयासों, अंतरराष्ट्रीय सौर संगठन और महत्वपूर्ण मंचों की सदस्यता जैसे एमटीसीआर, वाज़ेनर समझौते एवं ऑस्ट्रेलिया समूह की सदस्यता मिलने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विश्व भारत की तकनीकी क्षमता को मान्यता दे रहा है, जिसमें अंतरिक्ष कार्यक्रम भी शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि डिज़िटल संरचना के कारण सरकार और नागरिकों के बीच संबंध का तरीका बदल रहा है, तकनीक जवाबदेही और पारदर्शिता ला रही है। उन्होंने कहा कि अब सरकार तक पहुंचना विशेषाधिकार नहीं, बल्कि व्यवहार हो गया है, इस संदर्भ में उन्होंने फाइलों के शीघ्र निपटारे, व्यापार करने की सुगमता, जीएसटी, प्रत्यक्ष लाभ अंतरण और उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस की उपलब्धता का जिक्र किया।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि ने बताया कि मुद्रा योजना के जरिए उद्यमियों को नए अवसर उपलब्ध हुए हैं और मुद्रा योजना के लाभार्थियों में से सबसे अधिक महिलाएं हैं। उन्होंने अटल नवोन्मेष अभियान, स्किल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया का भी जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय भागीदारी कायम कर रहा है। उन्होंने स्वीडन के साथ नवोन्मेष भागीदारी और इजरायल के साथ ऐसी ही एक पहल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार जीवन को सरल बनाने पर जोर दे रही है, इस संदर्भ में उन्होंने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान भारत का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कदम भारत में एक व्यापक परिवर्तन की ओर संकेतक हैं। उन्होंने कहा कि स्वीडन एवं अन्य नॉर्डिक देशों के साथ भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने स्वीडनवासियों से कहा कि उन्हें भारत के साथ अपने संबंधों को केवल एक भावनात्मक संबंध के रूपमें ही सीमित नहीं रहने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उभरता हुआ नया भारत उन्हें नवाचार, व्यापार एवं निवेश के लिए भी अवसर उपलब्ध कराता है।